Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा कर रही है. इसके लिए स्कूलों का कायाकल्प, अच्छी सीटें, खेल कूद के मैदान, साफ-सफाई, पीने के शुद्ध पानी की व्यवस्था पर काम हो रहा है, स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम योग्य बनाया जा रहा है लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की गुणवत्ता और मिड डे मील को लेकर अब तक हालात नहीं बदल सके हैं. यूपी के सोनभद्र से एक बार फिर एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिससे मिड मील के खाने को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

  


सोनभद्र में एक सरकारी स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें बच्चो दोपहर का खाना, अपनी थाली से कूड़े में फेंकते हुए नजर आ रहे हैं. ये वीडियो राबर्ट्सगंज ब्लाक के कम्पोजिट विद्यालय रुदौली बैलछ का बताया जा रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चे मिड डे मील का खाना खाने की बजाय उसे डस्टबीन में फेंक रहे हैं. जिसके बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि खाना इतना खराब था कि बच्चों ने उसे खाया भी नहीं. इस वीडियो को लेकर अब कई तरह की चर्चाएं हो रही है हालांकि शिक्षा विभाग अलग ही दलील दे रहा है. 


वीडियो पर बीएसए द्वारा दी गई सफाई


बेसिक शिक्षा विभाग की मिड डे मील योजना को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहे हैं. कभी भोजन की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते हैं तो अभी उसकी मात्रा को लेकर. इस पूरे मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार ने बताया कि पहले भोजन की व्यवस्था ग्राम प्रधान के जिम्मे थी. उनकी व्यस्तता के कारण आपसी सहमति से पिछले एक माह से वो भोजन बनवा रही हैं.


बीएसए अधिकारी ने कहा कि सोमवार को भोजन में चावल और लौकी की सब्जी बनी थी. बच्चे खाना खाने लगे तो लौकी का स्वाद काफी कड़वा था. जिसकी वजह से खाने का स्वाद कड़वा था. इसलिए बच्चों ने खाना फेंक दिया. किसी ने इसी का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. हालांकि बाद में बच्चों को सोयाबीन की सब्जी बनवाकर खाना खिलाया गया. बाद में सभी बच्चों ने खाना भी खाया. भोजन में मिलावट या अन्य तरह की बातें बेबुनियाद हैं. 


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