Uttar Pradesh News: यूपी के सोनभद्र (Sonbhadra) में मानकों को ताक पर रखते हुए अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं. ऐसे अस्पतालों में लगातार लोगों की मौत हो रही है. यहां एक ऐसा अस्पताल सामने आया है जो प्रशासन की नजरों में नही था. उप जिलाधिकारी रमेश कुमार और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने संयुक्त रुप से अस्पताल पर छापा मारा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी. इस अस्पताल के अंदर जिंदगी-मौत का खेल चल रहा था. 


बिना डॉक्टर के चढ़ रहा था ब्लड
बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से बिना किसी डाक्टर के मौजूदगी में गम्भीर हालत में एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिला को ब्लड चढ़ाने का काम किया जा रहा था. इस महिला को जिला अस्पताल से भगा दिया गया था. जब अधिकारियों ने इसे देखा तो उनके भी होश उड़ गए. अस्पताल में कुछ दिनो से डाक्टर ही नहीं आ रहे थे और नर्स व सहायकों के भरोसे मरीजों का इलाज करते हुए पाया गया.


बेधड़क चल रहे फर्जी अस्पताल
यूपी सरकार के कड़े निर्देश के बाद भी सोनभद्र में फर्जी अस्पतालों का संचालन बेधड़क चल रहा है. फर्जी अस्पताल संचालक पर संबंधित विभाग की मेहरबानी किसी से छुपी नहीं है. फर्जी अस्पतालों को लेकर लगातार हो रही शिकायत के बाद प्रशासन नींद से जागा है. सोनभद्र में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे फर्जी अस्पतालों पर एसडीएम और चिकित्सा विभाग के नोडल अधिकारी ने संयुक्त छापेमारी की. 


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अस्पताल को किया गया सीज
छापेमारी के दौरान कई अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के मिले. अधिकारियों द्वारा श्वेता अस्पताल को सीज कर दिया गया. वहीं एक अस्पताल को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. सीज किए गए अस्पताल में बड़ी लापरवाही देखने को मिली. यहां बिना चिकित्सक के गम्भीर बीमारी से जूझ रही गर्भवती महिला को ब्लड चढ़ाने का काम किया जा रहा था. जब अधिकारियों ने इसे देखा तो उनके भी होश उड़ गए. महिला अस्पताल संचालक के ऊपर अवैध धन वसूली का आरोप भी लगाया.


एक बोलत ब्लड का 6 हजार
सोनभद्र में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों के खिलाफ एसडीएम और चिकित्सा विभाग के नोडल अधिकारी ने छापेमारी की कार्रवाई की. एक अस्पताल को सीज करके और एक को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण की मांग की गई है. सीज किए गए श्वेता अस्पताल में गम्भीर बीमारी से जूझ रही गर्भवती महिला का इलाज और ब्लड चढ़ाने का काम बिना चिकित्सक के किया जा रहा था. इलाज करा रही महिला कहना है कि जिला चिकित्सालय अपना इलाज कराने गए थे वहां से हमें भगा दिया गया और निजी अस्पताल में इलाज कराने की बात कही गई. इस अस्पताल में आने के बाद हमसे एक बोतल ब्लड का 6 हजार रुपए लिया जा रहा है.


विभाग को सब पता है
सोनभद्र में स्वास्थ्य विभाग के रहमो करम पर चल रहे फर्जी अस्पताल संचालक दलालों के माध्यम से जिला अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को अपने यहां बुलाते हैं और उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं. फर्जी अस्पतालों पर भले प्रशासन खानापूर्ति के नाम पर कार्रवाई कर रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि विभागीय मिली भगत होने के कारण इनपर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. 


एसडीएम ने क्या कहा
इस मामले में सदर एसडीएम रमेश कुमार का कहना है कि स्वेता अस्पताल मानक के अनुरूप नहीं चल रहा है, यहां चिकित्सक मौजूद नहीं हैं और इस अस्पताल को सील किया है. अस्पताल में औचक छापा मारा गया तो यहां पर कोई डॉक्टर नहीं मिला. एक गम्भीर रूप से बीमार महिला को खून चढ़ते हुये पाया गया. यह लापरवाही है और अस्पताल को सीज कर दिया गया है.


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