Sonbhadra Water Crisis: नाले का गंदा पानी पीकर गुजर-बसर कर रहे ग्रामीण, प्रशासन पर लगा अनदेखी का आरोप
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के एक गांव में लोगों को नाले का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. इसमें प्रशासन की लापरवाही की बात सामने आई है.
UP News: सोनभद्र (Sonbhadra) में प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को नाले का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. यह जानकारी सामने आई है कि जिले के अधिकारी को टैंकर द्वारा पेयजल की आपूर्ति (Water Supply) के निर्देश दिए गए थे लेकिन ग्रामीणों के हालात देखकर लग रहा है कि निर्देश को ताक पर रख दिया गया है. जिला प्रशासन की उदासीनता का यह मामला म्योरपुर विकासखंड के सिंदूर-मकरा ग्राम पंचायत (Gram-Panchyat) में देखने को मिला है. सड़क के लिए तरस रहे यहां के ग्रामीणों को अब शुद्ध पानी (Clean Water) के लिए भी मोहताज होना पड़ गया है. यहां फरवरी-मार्च में दूषित पानी पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके प्रशासन अनजान बना हुआ है.
दूषित पानी पीने से गई है कई लोगों की जान
मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गांव में मौतों की वजह दूषित पेयजल है. जिले अधिकारी अनजान बनकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं. भीषण गर्मी पड़ने के वजह से आसपास के जलस्रोत सूख गए हैं.ऐसे में म्योरपुर विकासखंड के सिंदूर मकरा ग्राम पंचायत के मड़ैया टोला के लोग नाले के पानी में नहाने और उसे पीने को मजबूर है. यह हाल यहां के लगभग 400 लोगों का है.
गांव के प्रधान कैलाश का कहना है कि पेयजल की किल्लत आज की नहीं बल्कि हमेशा बनी रहती है. इस समस्या के समाधान के लिए विकासखंड से लेकर जिला स्तर पर सभी जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी दी गई लेकिन अभी तक ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की कोई भी व्यवस्था नहीं की जा सकी है. उन्होंने कहा कि दूषित पेयजल के वजह से गांव में कई लोगों की मौत होने के बाद अफरा-तफरी मच गई थी जिसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में एक बोरिंग और आरो प्लांट लगाया था, लेकिन लगभग 8000 की आबादी में यह आरो प्लांट ऊंट के मुंह में जीरा जैसा बन के रह गया है.
जियो टैगिंग का फोटो मांगते ही बगले झांकने लगे अधिकारी
पंचायती राज अधिकारी विशाल सिंह से जब इस मामले में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो पहले तो उन्होंने टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराए जाने की बात की लेकिन जब उनसे जियो टैगिंग का फोटो मांगा गया तो बगले झांकते नजर आए. इसके बाद उन्होंने मामले की जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की बात की.
Noida News: सुपरटेक ट्विन टावर गिराने को लेकर आज होगा मंथन, तैयारियों पर होगी चर्चा
सड़क के अभाव में अस्पताल जाने का ऐसे करते हैं जुगाड़
वही, गांव की एक महिला पूनम का कहना है कि पेयजल की समस्या तो है ही रास्ते की समस्या भी उतनी ही जटिल है. पूनम ने बताया कि रास्ते की समस्या इतनी गंभीर है कि लोगों के बीमार होने के बाद आसपास के लोगों को इकट्ठा कर चारपाई पर मरीज को लाद कर सड़क तक ले जाया जाता है. जिसके बाद एम्बुलेंस से मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है.कई बार ऐसा हुआ है कि चारपाई पर लादकर गर्भवती महिला को सड़क तक ले जाने में रास्ते में ही डिलीवरी हो गई.
ये भी पढ़ें -