Kedarnath Yatra: सोनप्रयाग बाजार को व्यापारियों ने किया बंद, यात्रियों को केदारनाथ धाम न जाने देने की कर रहे मांग, जानें वजह
Kedranath Dham: सोनप्रयाग, केदारनाथ धाम की यात्रा का मुख्य पड़ाव है. यहां से केदारनाथ यात्रा का संचालन होता है. सोनप्रयाग के व्यापारियों का कहना है कि पंजीकरण रोके जाने से भी यात्रा प्रभावित हो रही है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग (Sonprayag) बाजार के व्यापारियों ने अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर रविवार को बाजार बंद कर दिया. सोनप्रयाग के व्यापारियों की मांग है दोपहर बाद बैरियर को बंद करते हुए यात्रियों को केदारनाथ धाम न जाने दिया जाय. साथ ही सोनप्रयाग में जगह-जगह संचालित हो रहे भंडारों को भी बंद करवाया जाए. भंडारे आयोजित होने से उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है. दूसरी ओर बाजार बंद का केदारनाथ धाम की यात्रा पर कोई व्यापक असर नहीं पड़ा. सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए यात्री जाते रहे.
सोनप्रयाग, केदारनाथ धाम की यात्रा का मुख्य पड़ाव है. यहां से ही केदारनाथ यात्रा का संचालन होता है. सोनप्रयाग के व्यापारियों का कहना है कि एक ओर जहां बार-बार पंजीकरण रोके जाने से यात्रा प्रभावित हो रही है. दूसरी तरफ सोनप्रयाग बैरियर हर समय खुला है. यात्री देर शाम तक भी केदारनाथ धाम की ओर जा रहे हैं. ऐसे में सोनप्रयाग के व्यापारियों का रोजगार प्रभावित हो रहा है. साथ ही सोनप्रयाग में जगह-जगह भंडारे चलने से होटल व्यापार भी काफी परेशान हैं. इसके अलावा व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है.
प्रशासन पर मदद नहीं करने का आरोप
स्थानीय व्यापारी महेन्द्र सेमवाल का कहना है कि शासन-प्रशासन सोनप्रयाग के व्यापारियों की कोई मदद नहीं कर रहा है. उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है, जिस कारण उन्होंने बाजार बंद किया है. सोनप्रयाग व्यापार संघ अध्यक्ष अंकित गैरोला ने कहा कि व्यापारियों ने अपने आप ही बाजार बंद किया है. व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जिस कारण यह कदम उठाना पड़ा है.
गौरीकुंड से 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालु धाम के लिए रवाना
वहीं सोनप्रयाग बाजार बंद रहने का केदारनाथ धाम की यात्रा पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. यहां से व्यापारी सुबह ही धाम के लिए रवाना हो गए. सुबह दस बजे तक आठ हजार से अधिक यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए चले गए थे, जबकि गौरीकुंड से 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हुए.
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