अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए तैयारियां तेजी के साथ शुरू की जा रही हैं. राम मंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को रखी थी, अब जल्द ही मंदिर का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू होगा. हालांकि, ट्रस्ट के पदाधिकारी बरसात खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि मंदिर की जो बुनियाद है वो 200 फीट गहरी खोदी जानी है. ऐसे में बुनियाद में पानी न भर जाए, समस्या न हो इसको लेकर ट्रस्ट के सदस्य के साथ-साथ कार्यदाई संस्था एलएनटी बारिश खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.
इस दरमियान मंदिर के अंदर परिसर में छोटे-मोटे कार्य किए जा रहे हैं जिसमें जमीन की सफाई समतलीकरण और राम मंदिर परिसर में स्थित चबूतरे को हटाया जा रहा है. राम मंदिर निर्माण में सहयोग देने के लिए राम भक्तों ने अपने खजाने खोल दिए हैं. कोई नगद रुपये दे रहा है तो कोई चांदी और सोने की शिला भगवान राम को समर्पित कर रहा है.
कुछ इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश के इंदौर के एक बड़े व्यवसाई ने राम मंदिर निर्माण में पोकलैंड मशीन राम जन्मभूमि भेजी है. ये मशीन दोपहर जन्मभूमि परिसर में पहुंची और इसे पूरे सम्मान के साथ राम जन्मभूमि परिसर पहुंचाया गया है. राम मंदिर निर्माण के समय इस मशीन का उपयोग राम मंदिर परिसर में मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में इस्तेमाल होगा. भोपाल से अयोध्या पहुंची पोकलैंड में भगवान राम का चित्र छपा है पोकलैंड का इस्तेमाल गहरी जमीन की खुदाई में होता है.
राम मंदिर का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर दिल्ली में आयोजित निर्माण समिति की बैठक के बाद शुरू कर दिया जाएगा. जल्द ही एलएनटी कंपनी की मशीनें भी राम जन्म भूमि के परिसर में पहुंचा दी जाएंगी. रामलला के गर्भगृह की जमीन का समतलीकरण हो चुका है और उसका मानचित्र भी लगभग बनकर तैयार है. बारिश के खत्म होते ही नींव की खुदाई का काम शुरू कर दिया जाएगा. 20 अगस्त को दिल्ली में निर्माण समिति की बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक के बाद मंदिर निर्माण की के कार्य में तेजी आ जाएगी.
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