लखनऊ, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र ने गठबंधन को लेकर चुनाव पूर्व जो भविष्यवाणी की थी, वो आखिरकार सच साबित हो गई है। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को हराने के लिए साथ आए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के गठबंधन की मिजाद आखिरकार आरोपों के दलदल में समा गई और इसी के साथ बुआ-बबुआ की राहें भी जुदा हो गईं। गठबंधन के भविष्य को लेकर लगने वाले कयारों पर पूर्ण विराम लगाते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी आगे होने वाले हर छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर लड़ेगी। बीएसपी की ऑल इंडिया बैठक के बाद आज मायावती ने ट्वीटकर के जरिए अखिलेश का जमकर घेराव किया।
'हमने गठबंधन का धर्म निभाया'
सपा के गठबंधन को लेकर अपना रुख स्पष्ट्र करते हुए मायावती ने ट्वीट कर लिखा, 'वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।'
गठबंधन टूटा, अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
इसके साथ ही गठबंधन तोड़ने की घोषणा करते हुए उन्होंने लिखा,'आम चुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।'
मायावती के ट्वीट पर ट्वीट
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घंटे तक चली। इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था। फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं। वे पूरी तरह से सही नहीं हैं, जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था।'
कल हुई बैठक में अखिलेश को घेरा
बता दें कि इससे पहले रविवार को पार्टी की हुई अहम बैठक में मायावती ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने अखिलेश को यहां तक मुस्लिम विरोधी तक बताया। अखिलेश की राजनीतिक समझ पर सवाल उठाते हुए मायावती ने कहा कि अखिलेश ने लोकसभा चुनाव के दौरान मुसलमानों को टिकट देने का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने कहा था कि मुस्लिमों को टिकट देने से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो सकता है, इससे गठबंधन को नुकसान होगा।
परिवार पर दिखी मेहरबान
रविवार को हुई अहम बैठक में मायावती ने बीएसपी में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए। इस दौरान वे परिवार पर मेहरबान नजर आईं। जहां मायावती के भाई आनंद कुमार को फिर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, तो वहीं भतीजे आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आकाश के अलावा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है।