वाराणसी, एबीपी गंगा। वाराणसी लोकसभा सीट से सपा- बसपा गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। गठबंधन ने शालिनी यादव का टिकट काटकर बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। वाराणसी में अब गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तेज बहादुर टक्कर देंगे।


याद हो तो, तेज बहादुर बीएसएफ के वहीं पूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने सैनिकों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। बता दें कि 2017 में बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने भोजन की गुणवत्ता को लेकर वीडियो जारी किया था।


गौरतलब है कि यूपी की वीवीआईपी सीट वाराणसी के खिलाफ ऐन मौके पर समाजवादी पार्टी और बीएसपी गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदल दिया। सोमवार यानी 29 अप्रैल को नामांकन के आखिरी दिन तक ये सस्पेंस बना रहा कि आखिर मोदी के खिलाफ गठबंधन का प्रत्याशी कौन है। क्योंकि सपा की पूर्व घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव के साथ-साथ बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने भी सपा के प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया। हालांकि, पार्टी ने अब स्पष्ट कर दिया है कि वाराणसी के पीएम मोदी के खिलाफ गठबंधन की ओर से तेज बहादुर यादव उम्मीदवार होंगे, जबकि शालिनी यादव अपना नामांकन वापस लेंगी।


बता दें कि सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के साथ पर्चा दाखिल कराने पहुंचे। जहां धूपचंडी ने दावा किया कि तेज बहादुर वाराणसी से पार्टी के प्रत्‍याशी होंगे। धूपचंडी ने कहा कि सपा की अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव अपना नामांकन पत्र वापस ले लेंगी।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना


वहीं, राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि शालिनी यादव का टिकट काटकर तेज बहादुर पर दांव चलते के पीछे का कारण है कि गठबंधन सीधे पीएम मोदी पर हमला कर सके। गठबंधन तेज बहादुर की बर्खास्तगी का मुद्दा उठाकर पीएम मोदी का घेराव करने की रणनीति पर आगे बढ़ सकता है। वहीं,महागठबंधन की ओर से पूर्व सैनिक को वाराणसी के चुनावी रण में उतारकर ये लड़ाई दिलचस्प हो गई है।