लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को सत्तारूढ़ बीजेपी पर अपने ‘प्रिय पूंजीपति मित्रों’ को किसानों पर तरजीह देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसान सम्मान की नाममात्र धनराशि देने की आड़ में काले कृषि कानून लागू कर किसानों का हजारों-लाखों का नुकसान करना चाहती है.


अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार किसानों से बातचीत की पेशकश भी कर रही है और आंदोलनकारी किसानों पर तरह-तरह के अनर्गल आरोप भी लगा रही है. उन्होंने कहा कि यह अपने अधिकारों के लिए सड़क पर बैठे किसानों का अपमान है.


किसानों के लिये संकट के हालात


बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, “भाजपा अपने प्रिय पूंजीपति मित्रों का समर्थन करते हुए ऐसे रास्ते पर चल पड़ी है जो किसान, मजदूर एवं निम्न मध्यम वर्ग के खिलाफ जाता है. सरकार किसान सम्मान की नाम मात्र धनराशि देने की आड़ में काले कृषि कानून लागू कर उनका हजारों-लाखों का नुकसान करना चाहती है.” उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि देश में जबसे भाजपा की सरकारें बनी हैं तबसे किसानों के लिए संकट के हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा किसान आंदोलन भाजपा सरकार की विफलता का जीता जागता उदाहरण है और इस आंदोलन में सपा किसानों के साथ खड़ी है.


सपा का अभियान


इस बीच, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर अलग-अलग जिलों के विभिन्न गांवों में ‘समाजवादी किसान घेरा अभियान’ के तीसरे दिन भी विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, पूर्व मंत्रियों तथा जिलों के पदाधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया.


उन्होंने बताया कि इस दौरान पार्टी नेताओं ने गांवों में अलाव जलाकर चौपाल लगाई और किसानों के बीच उनकी समस्याओं पर चर्चा की. चौधरी ने बताया कि पिछली 25 दिसंबर से शुरू किया गया यह कार्यक्रम एक दिन में एक-दो गांवों का चयन कर चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत ज्यादा से ज्यादा गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है.


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