Caste Survey News: समाजवादी पार्टी ने आज शुक्रवार (13 अक्टूबर) को पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के नेताओं की बैठक बुलाई. इस बैठक में जातिगत जनगणना से जुड़े मुद्दे को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान कश्यप, निषाद, बिंद और मछुआ समाज के लोग शामिल हुए. समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर बुलाई बैठक में कई मुद्दों पर बात की. सपा मुखिया ने लोकसभा चुनाव के लिए पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक का नारा दिया था और इस नारे को मजबूत करने के लिए जातिगत जनगणना का एक मुद्दा जो काफी लंबे समय अखिलेश यादव उठा रहे हैं. अब एक बार से उसको दोबारा से हवा दी है.


बिहार में जातिगत गणना के आंकड़े आने के बाद इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से हवा दे रहे हैं. सपा आज इसे प्रमुख मुद्दा बनाने के लिए आज प्रदेश मुख्यालय पर कश्यप, निषाद, बिंद और मछुआ समाज के लोगों की बैठक ली है. इस बैठक में कहा गया कि जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा सपा लंबे समय से दे रही है. उसी कड़ी में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक हुई. पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष राज्यपाल कश्यप ने अपने इस नारे को दोहराते हुए कहा कि हम जातिगत जनगणना के अपने मुद्दे पर पर आज भी कायम हैं और सरकार से मांग करते हैं कि वह इस जनगणना को कराए.


वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग नई नहीं है. नेताजी के दौर में देश भर के नेता इसकी मांग कर रहे थे, देश की सभी पार्टियां कास्ट सेंसस चाहती हैं. 2024 आते आते बीजेपी भी इस पर बात करने लगेगी, हो सकता है इसका भरोसा भी दे दे. सामाजिक न्याय की बात जातीय जनगणना से ही संभव है. बीजेपी प्रोपेगेंडा में आगे है 46 में 56 की बात करके सदन में भी उन्होंने झूठ बोला था लेकिन साबित नहीं कर पाए. अब हमारी लड़ाई मजबूत होगी और बीजेपी का सफाया होगा.


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