लखनऊ. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से तारीफ मिलने का दावा करने पर योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि योगी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कोई भी नैतिक-अनैतिक रास्ता अपनाने नहीं हिचक रही है.


अखिलेश ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड-19 संक्रमण के कारण शिक्षकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को तत्काल एक-एक रुपए करोड़ का मुआवज़ा देने की मांग भी की.


अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा, "आंकड़ों की हेराफेरी करके डब्ल्यूएचओ से योगी मॉडल को वाहवाही का तमगा लेने वाली बीजेपी सरकार को गंगा में बह रही लाशों, श्मशान घाटों में धधकती चिताओं और अस्पतालों की चौखट पर तड़प-तड़पकर हो रही मौतों से कोई दर्द नहीं होता." उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को अपनी नाकामी छुपाने के लिए कुछ भी नैतिक-अनैतिक रास्ता अपनाने में हिचक नहीं. अच्छा हो, वह इधर-उधर की बात करने के बजाए बताएं कि गरीबों को कब तक वैक्सीन लग जाएगी? ऑक्सीजन, इंजेक्शन और दवाओं के जमाखोरों तथा कालाबाजारियों पर कब लगाम लगेगी?" 


योगी सरकार का दावा
गौरतलब है कि योगी सरकार ने दावा किया है डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर चलाए गए अभियान की तारीफ की है. सरकारी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है.


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