UP News: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में हुई जाति आधारित गणना के बाद देश की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है. एक ओर जहां पूरा विपक्ष केंद्र सरकार पर जातीय जनगणना का दबाव बना रही है. वहीं बीजेपी के नेताओं को इसका विरोध करते देखा गया. फिलहाल एनडीए के घटक दलों ने भी जाति आधारित गणना का समर्थन किया है. ऐसे में एक बार फिर से अपना दल ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया है. जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी और अपना दल को निशाने पर लिया है.


दरअसल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल आज अयोध्या पहुंची, जहां उन्होंने एक बार फिर से देश में जातीय जनगणना कराए जाने के मुद्दे पर अपनी सहमती देते हुए राजनीति में हलचल पैदा कर दी. जिसके चलते अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर पलटवार किया है. उनका कहना है कि जनता के लिए या फिर जातीय जनगणना के लिए यह उनका कोई नया प्यार नहीं है.


2014 में आए थे 2024 में चले जाएंगे


अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कोई नया प्यार नहीं है. जो लोग ये बात कर रहे हैं वे घबराहट में हैं क्योंकि भाजपा जाने वाली है. 2014 में आए थे 2024 में चले जाएंगे. आज जातिगत जनगणना पर ये लोग(भाजपा) क्या बोल रहे हैं? आउटसोर्सिंग पर क्या बोल रहे हैं? निजीकरण पर क्या बोल रहे हैं? भाजपा के पास क्या तीनों सवालों का कोई जवाब है?' 


अनुप्रिया पटेल ने फिर उठाई जातीय जनगणना की मांग


बता दें कि एक ओर बीजेपी उत्तर प्रदेश में जाति आधारित गणना की काट निकालने के लिए पिछड़ा सम्मेलन और पिछड़े वर्ग के नेताओं को नई जिम्मेदारी देने का प्लान बना रही है. वहीं एनडीए के घटक दल लगातार जातीय जनगणना पर जोर देते नजर आए हैं. इसी क्रम में आज अनुप्रिया पटेल ने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय गठित करने और देश में जातीय जनगणना कराने के लिए संघर्ष का आह्वान किया.


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