Jawan Movie: अखिलेश यादव ने भी देखी शाहरुख खान की 'जवान', कहा- 'जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी'
Akhilesh Yadav On Jawan Movie: अखिलेश यादव ने कहा कि सिनेमा समय-समय पर किस तरह अपना सामाजिक दायित्व निभाकर, अपनी उपयोगिता सिद्ध करके, देश को आगे ले जा सकता है, ‘जवान' उसका एक उदाहरण है.
UP News: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की 'जवान' फिल्म देखी. इसके बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर एक पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मनोरंजन के साथ जिम्मेदारी भरा संदेश देती फिल्म ‘जवान’, सही मायनों में देश की जनता में जागरूकता लाने का एक आह्वान है.
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, "सिनेमा समय-समय पर किस तरह अपना सामाजिक दायित्व निभाकर, अपनी उपयोगिता सिद्ध करके, देश को आगे ले जा सकता है, ‘जवान’ उसका एक उदाहरण है. दर्शकों के बीच इसकी दिन-प्रति-दिन बढ़ती और सारे रिकॉर्ड ब्रेक करती हुई लोकप्रियता दर्शा रही है कि देश की सोच कितनी प्रगतिशील और सकारात्मक भी है." सपा अध्यक्ष ने अंत में लिखा, "फिल्म के सभी कलाकारों, लेखक-निर्देशक, निर्माता और फिल्म से जुड़े सभी लोगों को दिली मुबारकबाद के साथ शुभकामनाएं. ऐसी सार्थक फिल्में बनाते रहें, जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है."
'जवान' ने तोड़ा था पठान' के रिकॉर्ड
गौरतलब है कि शाहरुख खान, नयनतारा और विजय सेतुपति स्टारर 'जवान' ने इस साल की पिछली मेगा एसआरके-स्टारर 'पठान' के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था, जिसने किसी हिंदी फिल्म के लिए घरेलू ओपनिंग डे पर सबसे ज्यादा कमाई की थी. ट्रेड वेबसाइट सैकनिलक की रिपोर्ट है कि 'जवान' की शुद्ध कमाई (यानी, कुल टिकट शून्य से 18 प्रतिशत जीएसटी) 65 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो 'पठान' से 10 करोड़ रुपये अधिक है. साल की दूसरी बड़ी ब्लॉकबस्टर, सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर 'गदर 2' ने अपने शुरुआती दिन में 40.1 करोड़ रुपये की कमाई की थी.
दिल्ली-एनसीआर में औसत ऑक्यूपेंसी 60 प्रतिशत से ज्यादा
यह भी बताया गया थी कि 'जवान' ने तमिल और तेलुगु मार्केट से 5-5 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जिससे पहले दिन इसकी कुल कमाई 75 करोड़ रुपये हो गई थी. सैकनिलक के अनुसार, '''जवान' ने सिनेमाघरों में औसतन 58.67 प्रतिशत दर्शकों को आकर्षित किया, शाम और रात के शो में तेजी देखी गई. हाई एवरेज ऑक्यूपेंसी 81 प्रतिशत, चेन्नई से दर्ज किया गया. हैदराबाद और कोलकाता भी पीछे नहीं था. दिल्ली-एनसीआर में भी औसत ऑक्यूपेंसी 60 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई थी.
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