अखिलेश ने की लोकसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग, कहा- कोरोना के जरिए लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है सरकार
अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसे सांसद होने के नाते अपने विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की.
लखनऊ. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में उतरी सपा किसान यात्रा निकाल रही है. उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को किसान यात्रा में शामिल होने से यूपी सरकार ने रोक दिया. धरने पर बैठे अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया. इस घटना के बाद अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की है. अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसे सांसद होने के नाते अपने विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की.
अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा, "राज्य सरकार का यह अलोकतांत्रिक व्यवहार मेरे नागरिक अधिकारों का हनन है. यह मामला सांसद होने के नाते मेरे विशेषाधिकार के हनन का भी है. कृपया तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि अपनी लोकतांत्रिक गतिविधियों को सम्पन्न करने का मेरा अधिकार बहाल हो सके."
कन्नौज में किसान यात्रा में शामिल होने जा रहे थे अखिलेश बता दें कि अखिलेश को कन्नौज में 'किसान यात्रा' में शामिल होना था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उनके घर और पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका बैरिकेड लगाकर सील कर दिया. अखिलेश कन्नौज जाने के लिये अपने घर से निकले तो पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली. इससे नाराज अखिलेश धरने पर बैठ गये. बाद में उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस वैन में बैठा दिया गया और इकोगार्डन ले जाया गया.
"तानाशाही रवैया अपना रही बीजेपी" पत्रकारों के साथ बातचीत में अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर हमला भी बोला. अखिलेश ने इसे तानाशाहीपूर्ण रवैया बताया. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं. कोरोना बीजेपी के लिए नहीं सिर्फ विपक्षी दलों के लिए है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी देश में कहीं भी सभाएं और चुनाव प्रचार कर ले, उसके लिये कोई कोरोना नहीं है. सरकार कोरोना के सहारे लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है.'
"सपा कार्यकर्ता को अपमानित कर रही सरकार" अखिलेश ने आगे कहा, "केवल पार्टी कार्यालय में ही नहीं, बल्कि सरकार हर समाजवादी कार्यकर्ता को अपमानित कर रही है. हम अपने घर से निकल कर किसानों में अपनी बात रखते. जिस कानून को लेकर किसान दिल्ली घेरकर बैठा है, सरकार उसे वापस क्यों नहीं ले रही है? सरकार पर अविश्वास बढ़ रहा है. सरकार अब बचने वाली नहीं है."
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