योगी सरकार पर बरसे अखिलेश यादव, यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा "भाजपा सरकार के कारण ही कानून-व्यवस्था का संकट उत्पन्न हुआ है. सरकारें अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से हटकर जब दूसरे कामों में उलझती रहती हैं तो इस तरह के संकट तो पैदा होते ही रहेंगे. ऐसे में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए."
लखनऊ. सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कारण राज्य में कानून-व्यवस्था का संकट उत्पन्न हो गया है, इसलिए सपा यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करती है.
अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा "भाजपा सरकार के कारण ही कानून-व्यवस्था का संकट उत्पन्न हुआ है. सरकारें अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से हटकर जब दूसरे कामों में उलझती रहती हैं तो इस तरह के संकट तो पैदा होते ही रहेंगे. ऐसे में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए."
पीड़ितों के लिए 50 लाख रुपये की मांग अखिलेश ने आगे कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार से कानून-व्यवस्था नहीं संभल रही है. मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में अपहरण कर 14 वर्षीय बलराम गुप्ता की हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए सीएम योगी ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये दिए. सपा की मांग है कि सरकार को कम से कम 50 लाख रुपये देने चाहिए. इसके अलावा कानपुर में संजीत यादव की हत्या के मामले में भी पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये दिए जाने चाहिए.
"भाजपा सरकार के लिए शर्मनाक" उन्होंने कहा कि पुलिस अभी तक कानपुर में संजीत यादव का शव बरामद नहीं कर सकी है. यह भाजपा सरकार के लिए कम शर्मनाक नहीं है. भाजपा सरकार के कारण ही कानून-व्यवस्था का संकट उत्पन्न हुआ है. उन्होंने कहा कि नोएडा में महिला की हत्या, गाजियाबाद में दिनदहाड़े डकैती और मैनपुरी में प्रजापति समाज के लोगों को जिंदा जला दिया. संभल-चंदौसी में पिता-पुत्र की हत्या, प्रयागराज में एक ही परिवार के तीन लोगों की सामूहिक हत्या और कासगंज में तिहरा हत्याकांड जैसी दुखद घटनाएं भाजपा सरकार की नाकामी के उदाहरण हैं.
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