मेरठ. मेरठ में जहरीली शराब पीकर तीन लोगों की मौत मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है. सपा ने दो दिन पहले जहरीली शराब मामले पर एक महा पंचायत की थी. इस विरोध प्रदर्शन व महापंचायत करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता अतुल प्रधान सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं.


जबरदस्ती दर्ज करवाये गये मुकदमे


सपा नेता अतुल प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में उन्हीं लोगों को वादी बनाया गया है जिन लोगों की लड़ाई समाजवादी पार्टी के लोग लड़ रहे हैं यानी जानी थाना क्षेत्र के मीरपुर जखेड़ी के रहने वाले उन परिवारों की शिकायत पर ही पुलिस ने सपा नेताओं पर मुकदमे दर्ज किये हैं.


जिन परिवार के सदस्यों की शराब पीने से मौत हुई, उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी कि शराब से मौत हो गई है. पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सपा पार्टी ने कमर कसी और जानी गांव.में महापंचायत बुलाई.


बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. पुलिस से ये विरोध बर्दाश्त नहीं हुआ, पुलिस ने उल्टा पीड़ित राहुल के नाम से शिकायत दिखाते हुए अतुल और उसके समर्थकों पर जनभावनाओं को भड़काने का मुकदमा दर्ज कर दिया है.


पीड़ित परिवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की


आज अतुल प्रधान ने उन तीनों परिवारों को लेकर मेरठ पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि पुलिस और भाजपा के लोग मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं और उनकी शह पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है.


जबकि जिन परिवारों को इस मामले में वादी बनाया गया है उन परिवारों ने सपा के नेताओं के खिलाफ कोई एप्लीकेशन नहीं दी और कोई शिकायत नहीं की जबकि उन परिवार के लोगों का कहना है कि उन्होंने सपा के नेताओं के खिलाफ किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की पुलिस ने अपने आप से ही फर्जी मुकदमा दर्ज किया है.


पीड़ित परिवार का बयान


पीड़ित परिवारों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के लोग तो उनकी लड़ाई लड़ रहे हैं, ऐसे में यह मुकदमा ना जाने कैसे दर्ज कर दिया गया. उधर अतुल प्रधान ने भाजपा और पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए उन्हें दबाने के लिए मुकदमा लिखा जा रहा है लेकिन वह चुप बैठने वाले नहीं हैं.


उन्होंने कहा कि कोर्ट के माध्यम से इस मामले में लड़ाई लड़ी जाएगी. शराब पीने से मरने के मामले में बागपत में कार्रवाई की गई, जबकि इससे पहले सहारनपुर में भी कार्रवाई की गई, लेकिन ना जाने क्यों इस पर कार्रवाई या आबकारी विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती भाजपा और पुलिस पर आरोप लगाए हैं.


ये भी पढ़ें.


आगरा: 6 महीने बाद 21 सितंबर से ताजमहल का दीदार कर पाएंगे पर्यटक, इन नियमों का करना होगा पालन