UP News: पूर्व विधायक और सपा नेता बंशी पहाड़िया को हुई जेल, इस मामले को लेकर मिली सजा
Banshi Pahadia Jail: समाजवादी पार्टी नेता बंशी पहाड़िया खुर्जा सीट से साल 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे हैं. वर्तमान में पूर्व विधायक बंसी पहाड़िया वह समाजवादी पार्टी में हैं.
Banshi Pahadia Jail News: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक बंशी पहाड़िया को कोर्ट ने जेल भेजा है. विशेष न्यायालय एमएपी-एमलए ने पूर्व विधायक पहड़िया को गैर जमानती वारंट पर जेल भेजा है. साल 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के लेकर सपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. बंशी पहाड़िया खुर्जा सीट से साल 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे हैं. वर्तमान में पूर्व विधायक बंसी पहाड़िया समाजवादी पार्टी में हैं.
26 अक्टूबर को जारी किए गए गैर जमानती वारंट को रिकॉल कराने के लिए शनिवार को पूर्व विधायक ने अपने वकील के साथ न्यायालय के समक्ष पेश हुए थे. पूर्व विधायक द्वारा स्वास्थ्य का हवाला भी दिया, लेकिन कोर्ट ने वारंट रिकॉल करने से इनकार करते हुए पूर्व विधायक को जेल भेज दिया.
विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सात अप्रैल 2009 को जहांगीरपुर क्षेत्र में पुलिस को सूचना मिली थी कि कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रमेश चंद तोमर के लिए मोहल्ला अंसारियान के मदरसा प्रांगण में चुनावी सभा करते हुए आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है. चुनावी सभा के दौरान बिना अनुमति के आयोजित चुनावी सभा में कांग्रेस के जेवर ब्लॉक अध्यक्ष देव प्रकाश शर्मा, वरिष्ठ नेता बंशी पहाड़िया, मुख्तार सिंह, हाजी नईम, रफीक कुरैशी, मोबिन खान अंसारी, अनिल मीणा और संजय मीणा कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट की मांग कर रहे हैं.
इस मामले में दरोगा विजेंद्र सिसौदिया ने आचार संहिता उलंघन की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसी बीच साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बंशी पहाड़िया कांग्रेस के टिकट पर खुर्जा विधानसभा से चुनाव लड़े और विधायक बने. पिछले दिनों इस मामले में बंशी पहाड़िया के मुकदमे की फाइल एमपी-एमएलए कोर्ट में पहुंच गई. बंशी पहाड़िया के कोर्ट में हाजिर न होने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था.
इस पर पूर्व विधायक के अधिवक्ता ने बंशी पहाड़िया के बाहर होने का हवाला देते हुए कोर्ट में हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया था. शनिवार को वारंट रिकॉल कराने के लिए पूर्व विधायक अपने अधिवक्ता के साथ पहुंचे तो कोर्ट के समक्ष अधिवक्ता ने पूर्व विधायक के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वारंट रिकॉल की मांग की. जिस पर अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ विनय कुमार सिंह की कोर्ट में दोनों बार दिए गए बयानों को विरोधाभासी मानते हुए इसे कोर्ट की अवहेलना माना और वारंट निरस्तीकरण के प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए पूर्व विधायक को जेल भेज दिया.