प्रयागराज, मोम्मद मोईन। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को आजम खान की उस अर्जी पर सुनवाई से इंकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ रामपुर में दर्ज हुई 27 एफआईआर को रद्द किये जाने की गुहार लगाई थी। दरअसल, आजम खान ने सभी 27 मुकदमे में राहत पाने के लिए एक ही अर्जी दाखिल की थी, जिसे अदालत ने गलत माना और हर एक केस के लिए अलग-अलग अर्जी दाखिल करने को कहा। अदालत का मानना था कि सभी मामलों में क्राइम नंबर अलग-अलग हैं और सभी में शिकायतें भी अलग हैं, इसलिए इन सभी मामलों को एक साथ नहीं सुना जा सकता है।


आजम खान के वकील द्वारा सभी मुकदमों के लिए अलग-अलग अर्जी दाखिल किए जाने का भरोसा दिलाए जाने के बाद अदालत ने उनकी अर्जी को खारिज नहीं किया और इस मामले में सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख मुकर्रर कर दी। आजम खान की इस अर्जी का गुरुवार को हाईकोर्ट में एफआईआर दर्ज कराने वाले किसानों ने विरोध किया। आजम की अर्जी में इन 27 किसानों के साथ ही बीजेपी नेता व पूर्व सांसद जयाप्रदा और रामपुर के डीएम व एसएसपी को मिलाकर कुल 33 लोगों को पक्षकार बनाया गया है।


गौरतलब है कि रामपुर के 27 किसानों ने पिछले महीने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि आजम खान ने उनकी जमीनों पर अपने रसूख के सहारे जबरन कब्जा कर उसे अपनी जौहर अली यूनिवर्सिटी में मिला लिया है। किसानों की शिकायत पर आजम के खिलाफ रामपुर के अलग-अलग पुलिस स्टेशन में 27 एफआईआर दर्ज की गई थी। आजम खान ने इन मुकदमों में अग्रिम जमानत पाने के लिए रामपुर की जिला अदालत में अर्जी दाखिल कर रखी है। किसानों की शिकायतों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की गुहार के साथ आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी।


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