नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आजम खान ने कही बड़ी बात, बोले- ताकत के बल पर हुआ फैसला
नागरिकता संशोधन बिल पर मचे सियासी संग्राम के बीच सपा सांसद आजम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आजम ने कहा कि ताकत के बल पर फैसला हुआ है। देश में बेरोजगारी है और लोगों के पास कारोबार नहीं है, काम नहीं है।
रामपुर, एबीपी गंगा। सपा सांसद आजम खान ने पार्लियामेंट में सिटीजन अमेंडमेंट बिल पेश किये जाने पर मौजूदा सरकार पर सत्ता की ताकत गलत का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इस बिल के बाद एनआरसी लाने की तैयारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आजम खान ने कहा कि देश में बेरोजगारी है और लोगों के पास कारोबार नहीं है, काम नहीं है।
आजम खान ने लोकसभा में सिटीजन अमेंडमेंट बिल पारित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ताकत के बल पर फैसला हुआ है। अपोजिशन की संख्या कम है। अपोजिशन कितनी ही सही बात कहे तो उसकी सुनवाई नहीं होगी, लेकिन अच्छे लोकतंत्र की मिसाल यह है कि सत्ता पक्ष को अपोजिशन कि सही बात को न सिर्फ सुनना चाहिए बल्कि उसे मान लेना चाहिए।
आजम ने कहा कि देश आज बंटा हुआ है, इसी सवाल पर तो 1947 में भी बंटा था। उन्होंने कहा कि जो लोग 1947 में पाकिस्तान नहीं गए वह शायद उनसे ज्यादा बड़े देश भक्त थे जिन्हें जाने का ऑप्शन नहीं था। अब अगर उस देशभक्ति की यही सजा है तो उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती, क्योंकि लोकतंत्र में दिमाग नहीं सिर गिने जाते हैं।
सिटीजन एमामेंट बिल के बाद एनआरसी बिल की तैयारी है के सवाल पर आजम खान ने कहा इससे फायदा तो नहीं होने वाला है उन्होंने अपने ही अंदाज में जुगलबंदी करते हुए कहा एक बार चाइना ने अपनी आबादी के बारे में पूरी दुनिया को एक संदेश दिया था कि लोग आबादी कम करने के लिए कोशिश करते हैं और मैं आबादी बढ़ाने के लिए कोशिश करता हूं। इसलिए क्योंकि एक व्यक्ति जो एक पेट लेकर पैदा होता है वह दो हाथ और दो पैर लेकर पैदा होता है क्योंकि वो अपने लोगों से काम लेना जानते हैं, और वह उन से काम लेते हैं, यही वजह है कि चाइना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है, हर फील्ड में, कारोबार में, मशीनरी में, साइंस में, टेक्नोलॉजी में, फौजी ताकत है और हैरत करेंगे मैं जिस जमाने में मैं गया था तो उस वक्त इतनी आबादी वाले देश में सड़कें खाली थीं क्योंकि लोग काम पर लगे हुए हैं वह सड़कों पर बेकार नहीं फिर रहे थे।
जापान का उदाहरण देते हुए आजम ने कहा कि जपान में जब में जूते के कारखाने में स्ट्राइक हुई तो उन्होंने प्रोडक्शन नहीं रोका बल्कि एक ही पैर जूता बनाया। जब हड़ताल खत्म हो गई तो उन्होंने दूसरे पैर का भी जूता बना दिया, प्रोडक्शन लॉस नहीं होने दिया, नेशनल लॉस नहीं होने दिया। आज यहां हालात ये हैं कि लोगों के पास कारोबार नहीं है काम नहीं है।