(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Azam Khan Case: फिर सीतापुर जेल पहुंचे आजम खान, बेटे अब्दुल्ला को हरदोई कारागार में किया शिफ्ट
Fake Birth Certificate Case: एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराते हुए सात-सात साल की सजा सुनाई थी.
Azam Khan Case: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा को कोर्ट ने सात-सात साल की सजा सुनाई है. तीनों को अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एक अदालत ने बुधवार को सजा सुनाई थी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर तीनों को सीधे रामपुर जेल भेजा गया था. रविवार को आजम खान और उनके बेटे को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया.
अब्दुल्ला आजम को जिला कारागार हरदोई में शिफ्ट किया गया है. आज सुबह अब्दुल्ला आजम को भारी सुरक्षा के बीच हरदोई जेल में शिफ्ट किया गया. इस बीच जब अब्दुल्ला से पत्रकारों ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. जेलर संजय सिंह ने बताया कि अब्दुल्ला को रामपुर से सुबह हरदोई जेल लाया गया है. आजम खान की ससुराल हरदोई के बिलग्राम में है इसलिए उनके बेटे अपने ननिहाल वाले जनपद की जिला कारागार में शिफ्ट किये गए हैं. हरदोई में हाई सिक्योरिटी बैरक नहीं है इसलिए उन्हें आम बंदियों की तरह सामान्य बैरक में रखा गया है.
फिर सीतापुर जेल पहुंचे आजम खान
वहीं, आजम खान को सीतापुर की जेल ले जाया गया. आजम खान को 17 माह बाद एक बार फिर सीतापुर जेल में दाखिल किया गया. 27 माह तक सीतापुर जिला जेल में बंद रहने के बाद 20 मई 2022 को आजम खान रिहा हुए थे और फिर से एक बार उन्हें यहा लाया गया. रामपुर जेल से शिफ्ट करते समय सुबह आजम खान ने एनकाउंटर की आशंका जताते हुए कहा था कि कुछ भी हो सकता है. आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को अभी रामपुर जेल में रखा गया है.
बीजेपी नेता ने करवाया था केस
दरअसल, बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था. जिसमें सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था.
आरोप पत्र के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी. दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था. आरोप था कि अब्दुल्ला ने अपने दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं, जिनमें एक रामपुर नगरपालिका परिषद से, जबकि दूसरा प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से बनवाया और इनका समय-समय पर गलत इस्तेमाल किया.
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