Raja Bhaiya News: राजा भैया के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ चुके समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरफ्तार हो गए हैं. निकाय चुनाव के दौरान सपा नेता गुलशन यादव के खिलाफ 392 व 395 की धाराओं मुकदमें दर्ज किए गए थे जिनमें वो वांछित चल रहे थे. दर्जन भर गाड़ियों के काफिले संग पुलिस गुलशन यादव (Gulshan Yadav) को अदालत लेकर पहुंची. इस मामले में पुलिस के आलाधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. हिस्ट्रीशीटर गुलशन यादव का भाई सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव पहले से कौशांबी जेल बन्द है.
गुलशन यादव का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था जब 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा से राजा भैया को कड़ी चुनौती दी थी. इसके साथ ही नगर पंचायत चुनाव में कुंडा टाउन एरिया में अध्यक्ष पद पर राजा भैया के उम्मीदवार के खिलाफ सपा प्रत्याशी के तौर पर अपनी पत्नी सीमा यादव को भी चुनाव मैदान में उतारा था. प्रतापगढ़ पुलिस ने गुलशन यादव को प्रयागराज स्थित आवास से बीती देर शाम गिरफ्तार गिरफ्तार कर लिया और रात में ही कुंडा लाकर पूछताछ की और आज पुलिस की आधा दर्जन गाड़ियों के काफिले में उसे लेकर अदालत पहुंची और रिमांड के लिए पेश किया.
सपा नेता गुलशन यादव गिरफ्तार
बताया जा रहा है की सपा के कार्यवाहक अध्यक्ष गुलशन यादव पर निकाय के दौरान दो मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिसमें 392, 395 की गंभीर धाराओं में हिस्ट्रीशीटर गुलशन पर लगाई गई थीं और इस मामले में गैर जमानती वारंट भी पुलिस ने हासिल कर रखा था. जिसके बाद गिरफ्तारी की गई और अदालत में आज पेश किया गया. इस दौरान अदालत के गेट पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, तो वहीं सपाई भी मौजूद रहे. गुलशन यादव पर कुल 33 मुकदमे दर्ज है, जिसमें से पहला हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था.
गुंडा एक्ट समेत 33 मुकदमें है दर्ज
मायावती के कार्यकाल में जब राजा भैया पर पोटा लगाया गया था उस वक्त पोटा मामले के गवाह राजेन्द्र यादव की हत्या कुंडा इलाके में हुई थीं. उसके बाद सीओ जियाउल हक हत्याकांड में भी राजा भैया के साथ गुलशन यादव को सह आरोपी बनाया गया था. हालांकि सीबीआई ने राजा भैया के साथ ही गुलशन यादव को भी क्लीन चिट दे दी थी. कुंडा और मानिकपुर थानों में हत्या के प्रयास लूट, डकैती, गुंडा एक्ट समेत कुल 33 मुकदमे दर्ज हैं और प्रदेश स्तर पर चिन्हित माफियाओं की लिस्ट में भी नाम शामिल है. बता दें कि कभी राजा भइया के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने वाले गुलशन के साथ अदावत तब शुरू हुई जब राजा भैया ने सपा और अखिलेश यादव से दूरी बढ़ा ली, तो गुलशन यादव ने सपा का दामन थाम लिया और राजा भैया व गुलशन यादव आमने सामने आ गए.
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