Swami Prasad Maurya Controversial Statement: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म के खिलाफ दिए गए बयान पर अब उनकी ही पार्टी के नेता उनपर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली पहुंचे मुख्य सचेतक विधान मंडल दल, और ऊंचाहार से विधायक सपा के वरिष्ठ नेता मनोज पांडे ने अपने ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर बोलते हुए कहा कि 'भगवान ऐसे लोगो को सद्बुद्धि दे, हमें धर्म पर बोलने का अधिकार नहीं है.'
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से हिंदुओ और ब्राम्हणों के खिलाफ विवादित बयान देते जहर उगला है. जिसे लेकर यूपी की राजनीति गरमा गई, वहीं ज्यादातर नेता ने स्वामी प्रसाद मौर्य का कड़ा विरोध किया. इसी क्रम में उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज पांडे ने कहा कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे. उन्होंने कहा राजनीति में आगे बढ़ने के लिए तमाम रास्ते हैं, ऐसे मुद्दों से बचना चाहिए.
ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे भगवान: मनोज पांडे
सपा के वरिष्ठ नेता मनोज पांडे ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे, हमें धर्म पर बोलने का अधिकार नहीं है, हम सभी धर्मो का सम्मान करते हैं. राजनीति में आगे बढ़ने के लिए तमाम रास्ते है, ऐसे मुद्दो से बचना चाहिए.'
वहीं उन्होंने यूपी की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने महगाईं और बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला अपराध सबसे ज्यादा हैं. मनोज पांडे ने घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव पर बोलते हुए कहा कि 'जनता ने मन बना लिया है. जो वहां की जनता को धोखा देगा, जनता उनको सड़क पर लाने का काम करेगी. जनता ने समाजवादी पार्टी के लिए मन बना लिया है. घोसी में समाजवादी पूरी मेहनत से चुनाव लड़ रही है. इसके साथ ही हमें इंडिया का भी साथ मिल रहा है.'
हिंदुओं और ब्राम्हणों पर दिया था विवादित बयान
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वह हिंदुओं औ स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक वीडियो ट्वीट र ब्राम्हणों के खिलाफ जहर उगलने का काम करते नजर आए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है.