UP Politics: 'जिनका दिमाग ढीला हो...' ओम प्रकाश राजभर के बयान पर राम गोपाल यादव का पलटवार
Om Prakash Rajbhar News: ओम प्रकाश राजभर अपने एक बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं. उन्होंने अहीर जाति को लेकर विवादित बयान दिया है, जिस पर सपा ने पलटवार किया है.
Ramgopal Yadav on Om Prakash Rajbhar: सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों रहते हैं, इस बार फिर से उन्होंने अहीर जाति को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसे लेकर वो विवादों में आ गए हैं. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अहीर बुद्धि बारह बजे खुलती है, जिसे लेकर अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने पलटवार किया है. सपा नेता ने बिना नाम लिए उन्हें दिमाग से ढीला इंसान बता दिया.
अहीरों को लेकर दिए गए ओम प्रकाश राजभर का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. वहीं लोग उनके इस बयान की आलोचना भी कर रहे हैं. इस बारे में सपा नेता रामगोपाल यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के ही दिमाग को ढीला बता दिया. सपा नेता ने इशारे में समझाते हुए कहा कि 'उनको अब क्या कहें, जिनका ये (दिमाग) ही ढीला हो."
राजभर ने दी बयान पर सफाई
इस मामले पर विवाद बढ़ा तो ओम प्रकाश राजभर ने भी अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा ये हम नहीं कह रहे हैं. मैंने तो पूर्वांचल के लोगों की बात बताई है. राजभर ने कहा कि, "पूर्वांचल में जब कोई बात होती है तो हमारे बुजुर्ग लोग कहते हैं कि यादव की बुद्धि बारह बजे खुलती है. ये हमारे पूर्वांचल की भाषा है. कोई बात आई तो हमने इस बात को कहा."
बेटे ने भी किया पिता का बचाव
इस विवाद में ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर की भी एंट्री हो गई. पिता के बयान का बचाव करते हुए अरुण राजभर ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.ओम प्रकाश राजभर जी ने कहा आम लोग कहते है कि अहीरों की बुद्धि 12 बजे खुलती है." बल्कि यह कथन श्री ओम प्रकाश राजभर जी का नहीं है इस बयान को तोड़कर पेश किया जा रहा है जो गलत है. हर समाज का सम्मान है. श्री ओम प्रकाश राजभर जी ने कहा जब सपा की सरकार थी तो पिछड़ो के नाम पर सिर्फ़ एक जाति का विकास होता था बाक़ी राजभर, चौहान, पाल, प्रजापति, बारी, बंजारा, अर्कवंशी, गोंड, लोहार आदि अतिपिछड़ी जातियों का हक़ लूटा जाता था.