Rampur News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्लाह आजम 23 माह की जेल काटने के बाद रिहा होकर अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे. वहां घर से चंद कदम के फासले पर भारी पुलिस फोर्स ने उन्हें रुकने का इशारा किया जिस पर वे पुलिस पर तंज कसने से नहीं चूके. इसके अलावा उन्होंने मीडिया के सवालों का भी जवाब दिया. अब्दुल्लाह की रिहाई के बाद घर वापसी पर उनके घर को रंगीन लाइटों से सजाया गया था.
पुलिस को देखकर क्या कहा
अब्दुल्लाह आजम ने रामपुर पहुंचकर उनके घर के निकट तैनात पुलिस फोर्स को देखकर कुछ इस तरह कहा .....''घर पर कोई नहीं आएगा, इतना अन्याय ना करो, ऐसा अन्याय ना करो, किसी के घर पर कोई ना आए, यह है लोकतंत्र, घर पर लोग नहीं आ सकते. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद यह हाल है रामपुर में. घर पर आने से लोगों को रोक रहे हैं यह है लोकतंत्र.'' आचार संहिता के नाम पर और कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर ऐसे शोषण कर रहे हैं, यहां घर पर लोग नहीं आ सकते.
जितनी ज्यादती होनी थी हो चुकी
आजम ने पुलिस पर तंज करते हुए खाना खाने की इजाजत मांगी. उन्होंने कहा, भाई खाना खा लें घर जाकर? आप कहो वह भी ना खाएं, कह दो,, कमिश्नर साहब ने मना कर दिया होगा. अब्दुल्लाह आजम ने कहा कि हमारे साथ जितनी ज्यादती होनी थी हो ली. भैंस चोर है, बकरी चोर है जो ज्यादतियां और भी रह गई हैं वह भी कर लो लेकिन चलो हम नहीं कर पाए, लेकिन ऊपर वाला है आज नहीं तो कल इंसाफ जरूर करेगा.
रामपुर में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता-अब्दुल्लाह
अब्दुल्लाह आजम ने कहा मैं तो जेल से निकला था. मैंने कहा था कोई अगर मुझे मोहब्बत से लेने आता है तो मैं मोहब्बत को नहीं रोक सकता. मेरी खुशनसीबी है कि मुझे प्यार करने वाले वहां तक आए. ना तो कोई काफिला था, ना कोई कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ. उन्होंने कहा रामपुर में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए.
आजम खान की जान को खतरा-अब्दुल्लाह
अब्दुल्लाह आजम ने जेल में बिताए गए 23 महीने के सवाल पर कुछ इस तरह कहा.... जो हमारे साथ हुआ उसके बाद आपको क्या लगता है कैसे कटा होगा. एक अकेले आजम खान साहब जेल में हैं. उन्होंने कहा आजम खान की जान को खतरा है. अब्दुल्लाह आजम खान ने कहा जितना जुल्म हो सकता था और जितनी तकलीफ दी जा सकती थी मुझे और मेरे परिवार को, मेरी मां को, मेरे वालिद को दी गई है और आज भी मेरे वालिद को वहां जान का खतरा है और अगर कुछ भी हुआ तो उसका जिम्मेदार सरकार और जेल प्रशासन होगा
ये भी पढ़ें: