Samajwadi Party: भदोही में सपा नेता का बीएसपी महासचिव सतीश मिश्रा पर हमला, कही ये बड़ी बात
Bhadohi News: यूपी में ब्राह्मणों को साधने के लिए सभी सियासी दलों ने जोर लगा दिया है. वहीं, सपा भदोही में शिक्षक सम्मेलन कर रही है.
Samajwadi Party in Bhadoi Sammelan: यूपी के भदोही में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के होने वाले शिक्षक सम्मेलन में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आने से पहले ही ब्राह्मण वाद का कार्ड खेलते हुए सपा शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी पांडेय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, बसपा प्रमुख मायावती की नैया पार कराने पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ब्राह्मण ही नहीं हैं, साथ ही कहा कि, सतीश मिश्रा जगह-जगह घूम रहे हैं, पता नहीं वो ब्राह्मण हैं भी या नहीं, ये नहीं पता.
ब्राह्मणों को साधने की तैयारी
पूरा मामला भदोही के ज्ञानपुर विधानसभा स्थित इनार गांव का हैं, जहां 5 सितम्बर को होने वाले शिक्षक दिवस के मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जनसभा को संबोधित करेंगे. इसे लेकर शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जगद्गुरु राम भद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के पूर्व कुलपति डॉ बी पांडेय प्रेसवार्ता कर तैयारियों की जानकारी देने के लिए रूबरू हुए थे. इस दौरान जब उनसे सूबे की ब्राह्मण वोटरों को सपा से जोड़ने के प्रयासों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सबसे पहले बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को आड़े हांथ लेते हुए कहा कि, ब्राह्मणों को सिर्फ समाजवादी पार्टी में ही सम्मान मिल सकता है और कहीं किसी पार्टी में नहीं मिलेगा और इससे पहले भी नेता जी सम्मान दे चुके हैं. प्रदेश के राजधानी में सबसे बड़ा पार्क ब्राह्मण शिरोमणि जनेश्वर मिश्र के नाम पर है और माता प्रसाद पांडेय को भी उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बनाया जो अपने आप में बड़ी बात है. प्रोफ़ेसर बी पांडेय ने कहा कि, अखिलेश यादव श्रीकृष्ण के ही कुल से आते हैं, इसलिए यहां ब्राह्मणों को सम्मान मिलता है और मिलता रहेगा.
सपा मजबूत कर रही है पैठ
बता दें कि, ब्राह्मण वोटरों में पैठ को और मजबूत करने के लिए ही कुछ माह पहले ही अखिलेश यादव ने डॉ बी पांडेय को शिक्षक सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था और अब उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर शिक्षकों को साधने के प्रयास करेंगे. यहीं नही अखिलेश यादव डॉ बी पांडेय की पत्नी विमला पांडेय की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे और माना जा रहा है कि इससे ब्राह्मण समाज को सपा से जोड़ने के लिए एक अलग सन्देश देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है और आने वाले समय में इसके सियासी मायने भी निकाले जायेंगे. राजनीति किस करवट अपना रुख बदलेगी ये तो भविष्य के गर्भ में छिपा है.
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