UP By Election 2023: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सपा (SP) को मजबूत करने का फैसला लिया है. उन्होंने पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) को सौंपी है. चाचा भी भतीजे के भरोसे पर पूरा उतरने की कोशिश में जी जान से जुटे हैं. उन्होंने घोसी उपचुनाव (Ghosi Bypoll) की कमान संभालकर दर्शा दिया है. संगठन को धार देने की कवायद में जुटे शिवपाल यादव सुधाकर सिंह के साथ खड़े नजर आए. सपा ने दमखम के साथ घोसी की लड़ाई लड़ी. चुनाव की रणनीति बनाने में शिवपाल यादव फिलहाल सफल दिखाई दे रहे हैं.


सपा के शिवपाल यादव की क्यों है अग्निपरीक्षा?


पिछले कई वर्षों से शिथिल पड़ी सपा में शिवपाल यादव ने जान फूंक दिया. शिवपाल यादव की रणनीति से घोसी उपचुनाव बीजेपी के गले की हड्डी बन गई. अखिलेश यादव को चुनाव में प्रचार करवाने का मंसूबा भी शिवपाल यादव का था. बीजेपी को मैदान में मंत्रियों की फौज उतारनी पड़ी. उन्होंने एनडीए गठबंधन के तमाम नेताओं को अकेले चुनौती दी. अलग-अलग समय पर शिवपाल यादव के आरोपों पर सफाई एनडीए नेताओं को देनी पड़ी. उन्होंने समाजवादी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया. राजभर और चौहान बिरादरी में सेंध लगाने के साथ दलित वोटरों को भी साधने की कोशिश की. समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव का महत्व काफी अहम रहा है.


घोसी उपचुनाव के नतीजे तस्वीर करेंगे साफ


पार्टी में टूट से पहले नेताजी मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव पर ज्यादा भरोसा करते थे. संगठन की जिम्मेदारी शिवपाल यादव के कंधों पर थी. चेहरा मुलायम सिंह यादव हुआ करते थे. अलग-अलग समय पर शिवपाल यादव चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. पिछले दिनों मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में उन्होंने प्रबंधन का लोहा मनवाया. अब अखिलेश यादव ने घोसी चुनाव के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपकर बड़ा दांव खेला है. घोसी उपचुनाव शिवपाल यादव की अग्नि परीक्षा है. 8 सितंबर को आने वाले नतीजे शिवपाल यादव का कद तय करेंगे. नतीजे सपा के पक्ष में आने पर शिवपाल यादव की रणनीति सफल दिखाई देगी.


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