UP Politics: सपा विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी भी हो सकती है रद्द, जानें- पूरा मामला?
Kanpur News: 24 फरवरी से इरफान सोलंकी पर दर्ज केस का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हो जाएगा. नियमों के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट के मुकदमों में 6 महीने के भीतर फैसला आ जाएगा.
Irfan Solanki News: सपा विधायक इरफान सोलंकी Irfan Solanki) की परेशानियों में बहुत जल्द इजाफा होने जा रहा है. इरफान सोलंकी के खिलाफ दर्ज केस का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में शुरू होगा, कानपुर पुलिस (Police) को इसके लिए शासन की ओर से अनुमति मिल गई है. 24 फरवरी से इरफान सोलंकी पर दर्ज केस का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हो जाएगा. जानकारों की मानें तो कोर्ट की जो नियमावली है उसके तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलने वाले मुकदमों में 6 महीने के भीतर फैसला आ जाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो छह महीने बाद उनकी विधायकी भी जा सकती है.
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर कानपुर पुलिस ने पिछले नवंबर से लेकर अब तक 8 मुकदमे दर्ज किए हैं. पहला मुकदमा 7 नवंबर को जाजमऊ में हुई आगजनी की घटना के बाद दर्ज किया गया था, जिसके बाद 26 दिसंबर को गैंगस्टर एक्ट में भी इरफान सोलंकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. अब इरफान सोलंकी के खिलाफ जाजमऊ इलाके में आगजनी और प्लॉट पर कब्जा करने के मामले को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है. शुक्रवार से ये सुनवाई शुरू होगी और माना जा रहा है कि अगले 6 महीनों में इस मुकदमे में आने वाला फैसला उनका भविष्य भी तय कर देगा.
इरफान सोलंकी के वकील ने क्या कहा?
इरफान सोलंकी के मुकदमों की वकालत कर रहे वकील गौरव दीक्षित की माने तो फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए वो कानपुर पुलिस का धन्यवाद करते हैं क्योंकि इससे उन्हें अपने मुवक्किल को और जल्द न्याय दिलाने की आस जाग उठी है, हालांकि उनका यह कहना है कि 6 महीने के भीतर इरफान सोलंकी को न्याय जरूर दिलाएंगे, क्योंकि इससे ज्यादा वक्त कोर्ट इस मामले में अपना फैसले देने में नहीं लेगा.
जानें क्यों जा सकती है सोलंकी की विधायकी
कानपुर के वरिष्ठ वकील शिवाकांत दीक्षित की माने तो 24 फरवरी से इरफान सोलंकी के आगजनी और प्लाट पर कब्जा करने के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना जाना है. जिस तरह से गंभीर धाराएं इरफान सोलंकी पर लगी हुई हैं, ऐसे में 3 साल से 10 साल की सजा का प्रावधान इन धाराओं में किया गया है. जानकारों की माने तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस को अगर देखा जाए तो इरफान के केस में 6 महीने या इससे कम समय में भी फैसला आ सकता है. अगर इरफान को सजा सुनाई जाती है तो उनकी विधायकी पर तलवार लटकना तय माना जा रहा है.
दरअसल आगजनी मामले में इरफान पर आईपीसी की 386, 327 436, 147, 148 धाराओं में मुकदमा दर्ज है. जानकारों की माने तो धारा 386 में 10 साल की सजा, धारा 327 में 10 साल की सजा और धारा 436 में आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है. जानकार बताते हैं कि जिस तरह से मुकदमे की प्रकृति है उसमें अगर इरफान सोलंकी को सजा होती है तो 3 साल कम से कम सजा होगी. ऐसे में पीपल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के मुताबिक 2 साल से ज्यादा की सजा होने पर इरफान की विधायकी चली जायेगी.
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