UP Politics: रामचरितमानस विवाद पर सपा में अंतर्कलह, पल्लवी पटेल ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर उठाए सवाल
Ramcharitmanas Row: पल्लवी पटेल ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जो मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाने की बात कह रहे हैं वो सही है लेकिन आपत्ति उन्हें जब करनी थी जब ये घटना हुई थी.
Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस विवाद को लेकर अब सपा (SP) के सहयोगी दलों ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर सवाल उठाए हैं. सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरवादी) की नेता डॉ. पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाने वाले बयान को लेकर मौर्य से कहा कि आपने आपत्ति जताई ये बात तो सही है, लेकिन वह आपत्ति देर से आई. ये तब होनी चाहिए थी जब ये काम हुआ था. उस वक्त तो वो खुद बीजेपी के साथ थे. अगर उन्हें इतना बुरा लगा तो नैतिकता के आधार पर पार्टी का साथ छोड़ देना चाहिए था.
सपा विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि रामचरितमानस की चौपाई में लिखा है ताड़ना के अधिकारी, मैं एक नारी हूं और हिम्मत है तो कोई मेरी ताड़ना करके दिखा तो दे. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ मन में होता है. अगर आपमें शक्ति है तो लिखी हुई बातें आप कभी भी गलत साबित कर सकते हैं. मैं भले स्त्री हूं लेकिन ताड़ना करने का अधिकार, हिम्मत कोई नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि मैं दूसरे धर्म ग्रंथों की बात नहीं करती क्योंकि अगर रामचरितमानस की बात की जाए तो कल कोई आकर ये भी कह सकता कि बाइबल में लिखा है कि धरती रोटी की तरह चपटी है उसे हटा दिया जाए.
पल्लवी पटेल ने कहा कि रामचरितमानस किसने लिखी है? जिन्होंने लिखी वो मात्र एक अनुवादक ही तो है. ऐसे तमाम धर्म ग्रंथ जिनसे हमें सरोकार ही नहीं उन्हें क्यों पढ़ना, उन पर चर्चा क्यों करनी है, क्योंकि जिस चीज को हटाने की बात कर रहे हैं वो सिर्फ पन्नों से हटाने से नहीं हट जाएगी. वो लोगों के मन मस्तिष्क में है, वहां से हटाना जरूरी है.
मायावती को दिया ये जवाब
पल्लवी पटेल ने मायावती के ट्वीट को लेकर भी पलटवार किया और कहा वो जिस गेस्ट हाउस कांड की बात कर रही, जब भाजपा का साथ लेकर उन्होंने पूरी सरकार चलाई तो तथाकथित लोगों पर क्या कार्रवाई की? अब वो अबला नारी होने की सिंपैथी ना जोड़ें, क्योंकि वो कहीं से भी अबला नहीं हैं, बल्कि देश की एक मजबूत राजनीतिज्ञ है और उस तरह ही उनकी बात होनी चाहिए.
पल्लवी पटेल ने कहा हम अपनी पार्टी लेकर चल रहे हैं. हमारी अपनी एक विचारधारा है, हमारे नेतृत्व की अपनी एक सोच है, उस सोच को सबके सामने लाना अहम है, लेकिन जब हम गठबंधन में आते तो उसके एक शिष्टाचार होते हैं, उसके कुछ नियम होते हैं, उसका पालन गठबंधन की हर पार्टी को करना होता है. हमने सपा का नेतृत्व स्वीकार किया 2022 में और हर चीज का पालन किया है और करते आ रहे है लेकिन राजनीति में इस वक्त शूद्र, ब्राह्मण बहुत गलत धारा में ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. शूद्र तो हम हैं ही, लेकिन शूद्र होना इसको आप कैसे देखते हैं यह अहम है.
पल्लवी पटेल ने कहा कि आज शूद्र या ब्राह्मण होने की बात नहीं होनी चाहिए, आज हमारा आंदोलन इतना बड़ा होना चाहिए कि हम लोगों के जहन से वह बात मिटा दें बात होनी चाहिए शिक्षा की, रोजगार की, स्वास्थ सुविधाओं की और देश को बेहतर बनाने की.
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