Moradabad Riots News: मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट सार्वजनिक किये जाने पर मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एस टी हसन ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की रिपोर्ट सार्वजानिक करने से सिर्फ जख्मों पर नमक छिड़का जा सकता है. सपा सांसद ने 1980 में ईद के दिन मुरादाबाद की ईदगाह में हुई घटना और दंगे के लिए पीएसी को जिम्मेदार ठराया और दंगे की रिपोर्ट में जिम्मेदार बताये गये मुस्लिम लीग के तत्कालीन नेता डॉ शमीम का बचाव किया. सपा सांसद ने कहा की डॉ शमीम गरीबों की मदद कर रहे थे, इसलिए पुलिस प्रशासन ने उन्हें जिम्मेदार बता दिया.


सपा सांसद ने कहा की ये बात समझनी चाहिए की जहां-जहां बीजेपी की सरकारें नहीं हैं वहां-वहां दंगे क्यूं हो रहे हैं. आपने पिछले दिनों देखा की बिहार में दंगे हो गए, बंगाल, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में दंगे हो गए. दंगा होने के बाद वोटों का ध्रुवीकरण होता है और उसका किस को फायदा होता है आप खुद समझ सकते हैं. सपा सांसद ने कहा की बीजेपी सरकार यह दिखाना चाहती है की कांग्रेस सरकार में मुसलमानों पर कितना ज़ुल्म हुआ लेकिन सच्चाई यह है की आजादी के बाद से जितना मुसलमान आज असहाय और बेयारो मददगार महसूस कर रहा है इतना कभी नहीं हुआ.


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद की ईदगाह के पास ईद की नमाज के दौरान नमाजियों के बीच आवारा जानवर घुस आने के बाद हुए सांप्रदायिक दंगे की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की घोषणा के बाद सपा सांसद डॉ एस टी हसन ने कहा कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से सरकार को तो कोई फायदा नहीं पहुंचेगा. हालांकि लोगों के जख्मों पर नमक जरूर छिड़का जा सकता है और यह हकीकत लोगों को मालूम होनी चाहिए कि उस वक्त क्या हुआ था. सपा सांसद ने कहा कि देश में 1980 में बहुत बड़ा दंगा हुआ था और उस वक्त वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे और ईद मनाने मुरादाबाद आए हुए थे. सपा सांसद ने कहा कि उस वक्त हालात बहुत ज्यादा खराब थे, अफसोस इस बात का है कि सरकार की तरफ से यह बता दिया गया के 5 आदमियों की मौत हुई थी. जिसमें 2 मुसलमान थे और 3 पुलिस वाले थे.


सपा सांसद ने कहा कि उनके मामू ईदगाह में नमाज पढ़ा रहे थे उन्होंने सपा सांसद को बताया था कि ईदगाह के मैदान में लाशें ट्रकों के अंदर भरकर ले जाई गई थीं और जख्मी लोगों को भी लाशों के ट्रक में भरकर लेकर जाया गया था. उसके बाद जो हश्र हुआ मुरादाबाद का वह किसी से भी छुपा हुआ नहीं है. पीएसी ने बहुत जबरदस्त जुल्म किया घरों से निकाल निकाल कर लोगों को ले गए और आज तक उन लोगों का कुछ भी पता नहीं चला वह जख्म कभी कोई भूल नहीं सकता जो जुल्म हुए थे. मुसलमान थाने की सीढ़ी नहीं चढ़ सकता था, अगर शिकायत करने जाता था तो उसे बंद कर दिया जाता था और उसके हाथ पैर तोड़ दिए जाते थे. 


पीएसी को कर दिया था बैन


सपा सांसद ने कहा कि हमने मुरादाबाद में देखा है अल्लाह से दुआ करते हैं कि ऐसा माहौल कभी भी हमारे मुल्क के अंदर नहीं होना चाहिए. सपा सांसद ने मुस्लिम लीग के नेता डॉक्टर शमीम को जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार साबित करने पर कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं था. वह ईद की नमाज जरूर पढ़ने गए थे लेकिन नमाज के अंदर एक जानवर आ गया था जिसको हम अछूत समझते हैं और उसकी वजह से लोग गुस्से में आ गए. गुस्से में आने के बाद वहां दंगा भड़क गया और जो पीएसी ने जुल्म किया वो सब को पता है. इंदिरा गांधी उस समय प्रधानमंत्री थीं और विश्वनाथ प्रताप सिंह साहब कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे. उस वक्त शहर इमाम साहब की डिमांड के ऊपर पीएसी को बैन कर दिया गया था.


बीएसएफ ने की काफी मदद


सपा नेता ने कहा कि मुरादाबाद के अंदर लोग नफरत करने लगे थे और दंगा तकरीबन 2 महीने तक चला. बीएसएफ ने आकर जख्मों पर मरहम रखा और सभी को विश्वास में लिया और सबकी मदद की किसी को दूध लाकर दिया तो किसी को खाना लाकर दिया. किसी को सब्जी लाकर दी बीएसएफ की मदद से और यहां के संभ्रांत नागरिकों की मदद से दंगा शांत हुआ.


पीएसी की नाइंसाफी से भड़का दंगा


सपा सांसद ने कहा की देखिए सरकार यह दिखाना चाहती है कि कांग्रेस के जमाने में मुसलमानों पर इतना जबरदस्त जुल्म हुआ था. वह यह दिखाना चाहती है कि हमारे जमाने में कोई दंगा नहीं हुआ लेकिन सरकार शायद यह भूल गई है कि उनके जमाने में मुसलमान जितना बेयारो मददगार अपने आपको महसूस कर रहा है शायद आजाद हिंदुस्तान में इससे पहले कभी नहीं किया गया होगा. उन्होंने आरोपित मुस्लिम लीग नेता डॉ शमीम का बचाव करते हुए कहा कि देखिए ऐसा नहीं था डॉक्टर शमीम साहब मजदूरों की मदद कर रहे थे और वह जब देख रहे थे कि कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वह पुलिस से भी भिड़ते थे यहां के प्रशासन से भी उनकी नोकझोंक होती थी जनता के लिए होती थी वह बराबर मदद करते थे और इसी वजह से लोगों ने और पुलिस ने इंटेलिजेंस ने इस बात को कह दिया कि डॉक्टर शमीम साहब दंगा भड़का रहे थे. दंगा असल में भड़का था पीएसी की नाइंसाफी की वजह से अगर पीएसी इंसाफ करती तो शायद यह दंगा नहीं भड़कता और इतने दिन नही चलता.


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