(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पुलिसकर्मी से भारत सरकार में मंत्री बनने तक, SP Singh Baghel का राजनीतिक सफर है बेहद दिलचस्प
एसपी सिंह बघेल भारत सरकार में मंत्री बनाये गये हैं. उनका राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प है.
SP Singh Baghel: मोदी सरकार में मंत्री बने प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की राजनीतिक कहानी बड़ी रोचक और रोमाचंक है. उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहे प्रो. एसपी सिंह बघेल आज राजनीति जगत में बड़ा नाम है. यूपी पुलिस में रहते हुये, उन्हें मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा करने का मौका मिला, बस यहीं से उनकी किस्मत बदलना शुरू हो गई. मुख्यमंत्री के पीएसओ रहे और इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा से सांसद रहे. विधानसभा चुनाव 2017 में टूंडला से जीत के बाद उन्हें प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. इसके बाद भाजपा ने आगरा लोकसभा क्षेत्र से उन्हें टिकट दिया, तो यहां से भी प्रो. एसपी सिंह बघेल ने शानदार जीत दर्ज की. पार्टी ने ताकतवार सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया का टिकट काटकर एसपी सिंह बघेल को चुनाव लड़ाया गया था.
पिता पुलिस विभाग में थे
सत्यपाल सिंह बघेल यानि प्रो. एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं. इनके पिता रामभरोसे सिंह मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात थे. एसपी सिंह बघेल का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित यशवंतराव होल्कर अस्पताल में हुआ. पिता रामभरोसे खरगौन से रिटायर हुए. इसलिए प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा सभी मध्यप्रदेश में ही हुई. उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती होने के बाद एसपी सिंह बघेल को पहली अहम जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का सुरक्षागार्ड बनने की मिली.
मुलायम से संपर्क में
1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद बघेल मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा में शामिल किये गये लेकिन अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के बल पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया. मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा और वह जीते. उसके बाद दो बार सांसद चुने गए. 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा. साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी. 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े. हालांकि वह यह चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली. भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना गए. बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचार के रूप में भूमिका निभाई. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निकट माने जाते हैं.
यूपी सरकार में मंत्री रहे
विधानसभा चुनाव 2017 में टूंडला सुरक्षित सीट से भाजपा विधायक बने. इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में शामिल किया गया. साफ शब्दों में कहा जाए, तो कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद एसपी सिंह बघेल का राजनैतिक जीवन फिर चमकने लगा. इसके बाद एक बार फिर आगरा से उन्हें भाजपा ने मौका दिया, तो यहां से भी प्रो. एसपी सिंह बघेल ने बड़ी जीत दर्ज की.
रामशंकर कठेरिया पर भारी पड़े एसपी सिंह बघेल
बीजेपी के दो कद्दावर सांसद एसपी सिंह बघेल और रामशंकर कठेरिया का दोनों का नाम मंत्रिमंडल विस्तार के लिए शामिल किए जाने के लिए चर्चा में था लेकिन बाजी मारी आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल ने इससे पहले भी 2019 में रामशंकर कठेरिया आगरा से इटावा भेजकर उनकी जगह ही एसपी सिंह बघेल को टिकट दी गई थी.
मधु बघेल और एस पी सिंह बघेल के बीच हुआ है प्रेम विवाह
एसपी सिंह बघेल की पत्नी मधु बघेल का प्रेम विवाह हुआ है. 1985 में नारायण दत्त तिवारी के मुख्यमंत्री रहते हुए सरधना मेरठ में मधु पुरी की पहली बार मुलाकात एसपी सिंह बघेल से हुई, उसके बाद 1989 में विवाह होने तक लगातार एसपी सिंह बघेल और उनकी पत्नी की मुलाकातें जारी रही. मधु बघेल बताती हैं कि उनका परिवार पंजाबी फैमिली से ताल्लुक रखती हैं इसलिए उनके परिवार में विवाह को लेकर ज्यादा समस्या नहीं थी लेकिन एसपी सिंह बघेल को अपने परिवार को मनाने में थोड़ा समय लगा और साल 1989 में मधु पुरी मधु बघेल हो गई और आज मंत्री बनाए गए एसपी सिंह बघेल और मधु बघेल के एक बेटा और एक बेटी है.
कोरोना काल में फ्रंट लाइन पर नजर आए मंत्री बने आगरा सांसद
कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी लहर. दोनों लहरों में एसपी सिंह बघेल घर में नहीं बैठे बल्कि एक नेता के तौर पर लगातार लोगों की सेवा करते रहे और यही वजह है कि मोदी ने अपने कैबिनेट में उन्हें जिम्मेदारी दी.
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