UP MLC Election 2023: उन्नाव-कानपुर खंड निर्वाचन क्षेत्र से सपा एमएलसी प्रत्याशी (SP MLC Candidate) के समर्थन में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल (Naresh Uttam Patel) ने उन्नाव पहुंचे, जहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जीत का मंत्र दिया. बैठक में पूर्व राज्यमंत्री सुधीर रावत, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. नरेश उत्तम पटेल ने वित्त विहीन, एडेड कॉलेज, डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के बीच जाकर भी गोष्ठी की और शिक्षकों से सपा के लिए वोट करने की अपील की. इस दौरान उन्होंने सपा प्रत्याशी की जीत का दावा किया.
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने जनपद के कई कॉलेजों में तूफानी दौरा कर स्नातक एमएलसी प्रत्याशी कमलेश यादव व शिक्षक एमएलसी सीट से प्रत्याशी प्रियंका यादव के लिए वोट का समर्थन मांगा है. मीडिया से बातचीत में सपा प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी पर बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा के मुद्दे को लेकर जनता के बीच बात न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता शिक्षित बेरोजगारों के बीच जाएं, बीजेपी के द्वारा किए गए झूठे वादे के बारे में तुलना कर लोगों को बताएं कि उनके द्वारा क्या नहीं किया गया है और लोगों से सपा का समर्थन करने की अपील करें.
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कन्नी काटी
नरेश उत्तम पटेल से जब स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस वाले बयान पर सवाल किया गया तो वो कन्नी काटते हुए नजर आए. उन्होंने अधिसूचना का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और सवाल को टालते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी जाति जनगणना की मांग करती है, जाति जनगणना होनी चाहिए तभी लोगों को उसके अनुसार सुविधाएं मिल पाएंगी. 1 अप्रैल 2022 को जाति जनगणना होनी थी लेकिन वो जनगणना बीजेपी नहीं करवा रही है. बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने जातीय जनगणना करने को कहा था लेकिन जाति जनगणना नहीं हो रही है. सपा की मांग है कि जाति जनगणना करवाई जाए सबको बराबरी का हक मिलना चाहिए.
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की घोर विरोधी है. विधान परिषद के चुनाव पांच जगह हो रहे हैं, उनमें एक जगह भी भाजपा ने न दलित, न पिछड़ा और ना ही अल्पसंख्यक समाज के प्रत्याशी को उतारा है. इससे साबित होता है कि भाजपा दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यक विरोधी है.
ये भी पढ़ें- UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में चाहते थे ये बड़ा पद, अखिलेश यादव ने नहीं मानी बात, तो फिर...