Mission 2024: बीजेपी के 'बूथ जीतो, चुनाव जीतो' मंत्र की तर्ज पर अब सपा भी चलती नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा ने बूथ स्तर पर फोकस करना शुरू कर दिया है. बूथ स्तर पर नए सिरे से कमेटियों का 20 जून तक गठन का लक्ष्य है. दूसरी ओर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर प्रशिक्षण शिविर लगाने का फैसला लिया गया है. शिविर में मुख्य रूप से बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. पहला प्रशिक्षण शिविर 4-5 जून को लखीमपुर खीरी में होगा.
बीजेपी की तर्ज पर सपा का बूथ जीतो, चुनाव जीतो' मंत्र
प्रशिक्षण के दौरान कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट, बूथ सत्यापन, बूथ स्तर की रणनीति, वोटर लिस्ट से जुड़े काम, वोटर्स से संपर्क बनाने की बारीकी को सिखाया जाएगा. प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने सपा की नई रणनीति पर कहा कि निश्चित तौर पर चुनाव बूथ पर होता है और वोट भी बूथ पर पड़ता है. निचले स्तर पर कार्यकर्ता संदेश को जनता के बीच ले जाने का काम करते हैं. नेता का संदेश और कार्यकर्ताओं की मेहनत किसी भी पार्टी की मजबूती होती है. इसलिए बूथ कमेटियों के गठन का काम चल रहा है. फिलहाल लखीमपुर और सीतापुर में जिम्मेदारी दी गई है. बाकी जगह भी आगे कार्यक्रम तय होंगे. सपा की तैयारी पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने निशाना साधा है.
केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि बूथ की बात करनेवाले गरीबों, नौजवानों, महिलाओं और विकास के लिए कुछ नहीं कर सकते. काम किया गया होता तो जनमानस में प्रभाव होता. 2017, 2014 का चुनाव खुद मुख्यमंत्री होते हुए नहीं हारते. सबने जान लिया है कि अखिलेश यादव के अंदर राजनीतिक क्षमता नहीं है. अखिलेश यादव अक्षम और अदूरदर्शी हैं. कोई राजनीतिक दृष्टि से गंभीर निर्णय लेने की क्षमता नहीं है. उन्होंने विधान परिषद के उपचुनाव में बचकाना काम किया. नगर निकाय के चुनाव में सपा का सूपड़ा साफ हो गया. विधान परिषद के उपचुनाव में उन्होंने एक तरह से दलितों, पिछड़ों का अपमान करने का काम किया. उसकी सजा 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता देगी.
मायावती का ये फैसला बढ़ाएगा सपा और कांग्रेस की मुश्किल, BJP के लिए भी होगा चैलेंज