कानपुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री के अजीब बोल सामने आए हैं. लोकनिर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा है कि अगर बदमाश है तो कहीं भी मारा जाए कैसे भी मारा जाए, सब नैतिक और धार्मिक है. ये बयान उन्होंने इस साल मई महीने में चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में मारे गए 3 बदमाशों को लेकर दिया है. जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने सीधे सीएम योगी को ही अपराधी बता दिया है. सियासी बयानों के बीच इस पर बखेड़ा खड़ा होना तय माना जा रहा है.
चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के बिगड़े बोल
विधानसभा चुनाव करीब आते-आते नेताओं के भरे मंच से दिए जाने वाले बयान विवादित होना शुरू हो गए हैं. सोमवार को कानपुर में महाराजपुर विधानसभा के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का भारतीय जनता पार्टी ने आयोजन किया था. जिसमें शिरकत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय कानपुर में लाल बंगला के खत्री धर्मशाला पहुंचे.
भाषण के दौरान चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने मोदी से लेकर यूपी तक सभी सरकारों की तमाम उपलब्धियां सामने बैठे प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को जमकर गिनाई. लेकिन इसी बीच चित्रकूट के रहने वाले चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने इसी साल मई महीने में चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार को सही साबित कर दिया और यह कह गए कि अगर बदमाश है तो कहीं भी मारा जाए कैसे भी मारा जाए सबकुछ नैतिक और धार्मिक है.
बदमाश कहीं मारा जाए इसमें कोई बुराई नहींः चंद्रिका प्रसाद
कानपुर में भरे मंच से मंत्री जी ने कहा कि बदमाश कहीं मारा जाए इसमें कोई बुराई नहीं. बदमाश जेल के अंदर मारा जाए या जेल के बाहर, योगी राज में बदमाशों की खैर नहीं है. जब एबीपी गंगा ने मंच से दिए गए इस बयान पर उनकी राय पूछी तो एकबार फिर उन्होंने कहा कि बदमाश जहां जाएगा, सीधे मारा जाएगा.
यूपी सरकार के मंत्री के इस बयान ने सपा को बहुत नाराज कर दिया है. लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के बयान पर समाजवादी पार्टी ने पलटवार कर दिया है. BJP-SP के बीच बयानबाज़ी की तलवारें खिंच गईं हैं. सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने अपने बयान में यहां तक कह दिया है कि, उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया खुद अपराधी हैं और उनके साथ वालों की सोच भी उन्हीं की तरह है.
एसपी ने साधा निशाना
अमिताभ बाजपेई की मानें तो जब सरकार के मुखिया की भाषा ऐसी है तो मंत्री भी ऐसी भाषा बोलेंगे. अमिताभ ने सवाल उठाया है कि चित्रकूट जेल में हथियार कैसे पहुंचे थे, ये बताया जाए. अगर जेल सुरक्षित नहीं तो कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है. दरसअल इस साल मई महीने में चित्रकूट जेल में मुकीम काला उसका साथी और अंशुल दीक्षित की गैंगवार में जान चली गई थी. प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के मंच से जिस तरह मंत्री जी ने जो बातें कहीं वो विपक्ष के उस दावे को मजबूत करती हैं कि योगी आदित्यनाथ सरकार अपराधियों के खिलाफ ठोको नीति पर काम कर रही है.
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