अयोध्या: योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) के छठवें साल में अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव (Deepotsav) को ऐतिहासिक और भव्य बनाने की कवायद जोरों पर चल रही है. दीपोत्सव के दौरान शहर में राम परिवार, निषादराज और अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाए जाएंगे. ये द्वार कलियुग में त्रेतायुग के धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे. इस तरह के द्वार बनाए जाने का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी के ज्ञान का विस्तार करना है. अयोध्या में बनाए जा रहे रामायणकालीन 15 द्वार दीपोत्सव की आभा को चार-चांद लगाएंगे.


इनके नाम पर बनाए जा रहे हैं द्वार


इन द्वारों के नाम हैं, निषादराज द्वार, अहिल्या द्वार, राम द्वार, दशरथ द्वार,लक्ष्मण द्वार, सीताद्वार, रामसेतु द्वार, शबरी द्वार, हनुमान द्वार, भरत द्वार, लव कुश द्वार, सुग्रीव द्वार, जटायु द्वार और तुलसी द्वार. द्वार बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है.


दीपोत्सव में रामायण कालीन द्वार से अयोध्या को सजाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है. ये सभी 15 द्वार लाइट युक्त होंगे. इसके लिए पर्यटन विभाग की विशेष टीम ने सनबोर्ड तैयार किया है. इसमें लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. जब यह जलेंगे तो रामायण के प्रसंग इन बोर्डों पर नजर आएंगे, इससे त्रेतायुग जीवंत होता नजर आएगा.


सरकार की कोशिश


अयोध्या के पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि योगी सरकार अयोध्या की अलग पहचान बनाने का काम कर रही है. योगी सरकार के निर्देश पर भगवान राम के रामायण कालीन द्वार भी बनाए जा रहे हैं. जब लोग अयोध्या में प्रवेश करेंगे तो उन्हें त्रेतायुग वाली दीपावली का अहसास होगा.


इनके अलावा राम पैड़ी पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान की प्रतिमा के पास सेल्फी प्वाइंट बनाया जा रहा है. जब लंका से भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे, ठीक उसी प्रकार पुष्पक विमान का ग्राफिक्स भी बनाया जा रहा है.


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