कानपुर, प्रभात अवस्थी। कानपुर के कपड़ा व्यापारी बीते कई दशकों से कुर्बानी करते चले आ रहे हैं। पूरे साल बकरों को तैयार करने के बाद बकरीद पर कुर्बानी करते हैं। बेकनगंज में रहने वाले रेडीमेड के कारोबारी आकिब खां के बकरे लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हें देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं।


ये बकरे दूसरे अन्य बकरों की अपेक्षा बिल्कुल अलग है। इन बकरों की लंबाई चार फुट से ज्यादा है जबकि इनका वजन 200 किलो से भी ज्यादा है। इतने भारी भरकम बकरे जब लोगों के सामने आए तो बकरों को देखने के लिय लोगों का हुजूम उमड़ जाता है। लोग इन बकरों के साथ सेल्फी लेने से पीछे नहीं रहे।



कानपुर के इन बकरों को आम बकरों की तरह नहीं बल्कि एकदम अलग तरीके से पाला जाता है। इन बकरों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इनके लिए अलग से कमरा बना हुआ है खाने का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इन बकरों को गर्मी न सताए इसके लिए बकरों को कोल्ड ड्रिंक भी पिलाया जाता है। वही इनके खाने में चना और पत्तियों के अलावा काजू-बादाम भी खिलाया जाता है। इन बकरों की खासियत यह है कि एक एक बकरे को संभालने के लिए कम से कम दो से तीन आदमियों का सहारा लेना पड़ता है।


बकरे के मालिक आकिब ने बताया कि बकरे पालने का शौक उनके बहुत पहले से है। वो कुर्बानी के लिए पूरे साल उनको पालते हैं और फिर बकरीद पर उनकी कुर्बानी देते हैं। उनके पास दो दर्जन से अधिक बकरे हैं। आकिब खान का कहना है कि इस बार शहंशाह ,सिकंदर और टाइगर, बकरों को देखने लोग आ रहे हैं। इन बकरों को खाने में चना ,हरे पत्ते के आलावा दूध और मेवा भी खिलाते हैं।


वही बकरा देखने आए शाद अहमद का कहना है कि उनकी उम्र इतनी हो चुकीं है, लेकिन उन्होंने कभी इतने तगड़े बकरे नहीं देखे हैं, या कहें कि पूरे कानपुर में ऐसे बकरे नहीं देखें हैं।