हमीरपुर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में बदहाली से जूझ रहे बुंदेलखंड के हमीरपुर ज़िले में विकास के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपयों की लागत से गांव-गांव में गल्ला मंडिया बना दी गईं, जो चालू होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो रही हैं। नई बनी मंडियों में पेड़-पौधे उग आये हैं। इनमें लगभग सौ करोड़ की लागत आई है, तो 23 मंडियों की लागत दो- दो करोड़ है।



बुंदेलखंड इलाके का छोटा सा ज़िला हमीरपुर और हमीरपुर में बिवांर थाना क्षेत्र का धनपुरा गांव यहां यह लगभग 100 एकड़ में 100 करोड़ की लागत से सपा सरकार ने यह विशिष्ट मंडी बनवाई थी। बुन्देलखण्ड पैकेज का जो केंद्र में बैठी कांग्रेस सरकार ने भेजा था। उस पैसे से बीहड़ इलाके में यह आलीशान मंडी बन कर तैयार हुई 2017 में और 2017 में ही मंडी समिति को इन्हें हैंडओवर भी कर दिया गया था, लेकिन इनका संचालन आज 2020 में भी नहीं हो सका। और अब हालत यह है कि करोड़ों की लागत से बनी यह मंडी जंगल में तब्दील हो चुकी है।



इसके पीछे लोगों का तर्क यह है कि इस इलाके में बीते डेढ़ दशक से किसान बेहाल है, यहां कभी सूखा तो कभी ज़्यादा बारिश तो कभी ओलावृष्टि होने से ठीक-ठाक फसल ही नहीं हुई। हद तो यह रही कि अन्न पैदा करने वाला अन्नदाता को अपना पेट भरना ही मुश्किल पड़ गया। ऐसे में वह बेचेगा क्या। लोगों का मानना है कि ज़्यादातर सूखे की मार झेलने वाले इस इलाके में पानी के संसाधन बनाने की आवश्यकता थी, ना की मंडी बनाने की।



बुन्देलखण्ड पैकेज के नाम से जो करोड़ों रुपया आया था उसको मंडी के नाम से कैसे ठिकाने लगाया गया। उसकी नजीर अकेले हमीरपुर जिले में हर 100-50 किलोमीटर में देखने को मिल जाती है। यहां हर 100-50 किलोमीटर में 2-2 करोड़ की लागत से 23 अन्य मंडियां भी बनाई गई है। जिनकी लागत दो दो करोड़ रुपया है ही, इस मंडियों ने भी दो-दो एकड़ ज़मीन घेरी हुई है। उन्हीं 23 मंडियों में से यह एक मंडी पौथिया में बनी है। इसकी भी ज़मीन छोड़ कर सिर्फ लागत ही दो करोड़ रुपया है, लेकिन जिस तरह से 23 मंडियों का संचालन नहीं हो सका ठीक उसी तरह इस मंडी का भी संचालन नहीं है। सभी मंडियां जंगल में तब्दील होती जा रही हैं। इस बाबत कुछ समाजसेवियों से जब बात की गई तो उसका मानना है कि बुंदेलखंड पैकेज के नाम से जो पैसा आया था, उसको यूटिलाइज करने के लिए सूबे की सरकार के पास कोई रूपरेखा नहीं थी जल्दबाज़ी में मंडी बना कर उस पैसे का बन्दरबांट किया गया।



हमीरपुर जिले में लगभग डेढ़ सौ करोड़ रूपये की लागत सैकड़ों एकड़ ज़मीन में बनी इन मंडियों को क्यूं नहीं शुरू किया जा सका, इस बाबत हमीरपुर के जिलाधिकारी सहित कोई भी अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अलबत्ता हमीरपुर के प्रभारी मंत्री ने अपने अगले दौरे पर इन मंडियों का निरिक्षण करने को कहा है।


उत्तरप्रदेश का बुन्देलखंड इलाका, जिसकी बदहाली को लेकर विधानसभा से लेकर लोकसभा तक खूब चर्चा होती है और उन्हीं चर्चाओं से इस इलाके को मिलता है भारी-भरकम पैकेज। ताकि इस इलाके का भी विकास हो सके। ऐसा ही हुआ था जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और यूपी में सपा सरकार, जिसने बुन्देलखण्ड पैकेज के नाम से करोड़ों रुपया इस इलाके को दिया था


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