प्रयागराज,एबीपी गंगा। धर्म की नगरी प्रयागराज में लगे माघ मेले में आए साधू संत सिर्फ धर्म- आध्यात्म, गंगा और राम मंदिर पर ही चर्चा नहीं कर रहे है, बल्कि देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को लेकर भी खासे फिक्रमंद हैं। देश की गिरती हुई जीडीपी, बढ़ती महंगाई और रोज़गार के घटते अवसरों से फिक्रमंद भगवाधारी अब इन्हें ठीक करने की आध्यात्मिक अलख जगा रहे हैं। माघ मेले में देश की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की कामना के साथ विशेष अनुष्ठान किये जा रहे हैं। परमहंस आश्रम के महंत मौनी बाबा के पंडाल में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर त्रिशूल पूजा की जा रही है।


त्रिशूल पूजा के साथ ही विशेष हवन व आरती भी हो रही है। इन अनुष्ठानों के ज़रिए धन की देवी लक्ष्मी की आराधना कर उनसे देश व यहां के नागरिकों पर मेहरबान होने व कृपा बरसाने की गुहार लगाई जा रही है। जीडीपी बढ़ने और महंगाई घटने के साथ ही मंदी दूर होने व रोजगार के मौके बढ़ने की कामना के लिए माघ मेले के पहले दिन पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ अनुष्ठान पूरे एक महीने तक चलेगा।


अर्थव्यवस्था की मजबूती की खातिर मौनी बाबा के पंडाल में चौवन त्रिशूल को एक साथ रखकर उनकी दिन में तीन बार पूजा की जाती है। इन त्रिशूलों को खास लाल रंग में रंगा गया है। पूजा के दौरान मेवों व फलों की आहुतियां दी जाती हैं तो साथ ही हवन भी किया जाता है। इतना ही नहीं सबसे आखीर में भक्ति गीतों व भजनों के बीच आरती करते हुए देश से रूठी हुई देवी लक्ष्मी के मानने की मनुहार भी की जाती हैं। अर्थव्यवस्था के लिए होने वाले इस खास अनुष्ठान की अगुवाई खुद मौनी बाबा करते हैं, जबकि इसमे कई दूसरे महात्मा- पुरोहित व उनके भक्त भी शामिल होते हैं। इस बारे में मौनी बाबा का कहना है कि अर्थव्यवस्था की कमज़ोरी से देश मे कोहराम मचा हुआ है। लोग काफ़ी परेशान हैं। ऐसे में यह साधु संतों की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह देश के लिए और देशवासियों की मदद के लिए आगे आएं।