एक्सप्लोरर

जन्मदिन विशेष: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली 23 सालों में कितना बदला?

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी साल 1999 से रायबरेली की सांसद चुनी जा रही हैं. इस दौरान उन्होंने जिले में कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं.

आज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मदिन है. हिमाचल प्रदेश में पार्टी की जीत एक तरह से उनकी सालगिरह पर तोहफा जैसा है. इस जीत में उनकी बेटी प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई है. 

सोनिया गांधी राजनीति में अब पहले की तरह सक्रिय नही हैं. वो अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली भी बीते कुछ सालों से नहीं जा पाई हैं. यूपीए के कार्यकाल में रायबरेली देश का सबसे वीवीआईपी जिला कहलाता था. यही वजह है कि साल 1999 में जब सोनिया गांधी यहां से चुनी गईं तो उसके बाद से कांग्रेस की जीत का सिलसिला लगातार जारी है.

हालांकि यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. इस सीट से इंदिरा गांधी भी सांसद चुनी जा चुकी हैं. उससे पहले फिरोज गांधी भी यहां से दो बार सांसद चुने जा चुके थे. लेकिन मंदिर आंदोलन के दौर में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई और 2 बार यहां से बीजेपी की टिकट पर अशोक सिंह सांसद चुने गए. इसके बाद 1999 से सोनिया गांधी लगातार सांसद चुनीं जा रही हैं.

सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान रायबरेली में कई विकास के काम शुरू किए गए जिसमें एम्स, रेल कोच फैक्टरी, निफ्ट, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, इंजीनियरिंग कॉलेज और तमाम छोटी फैक्टरियां भी शामिल हैं. इन संस्थानों की वजह से रायबरेली के कई हजार लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके का रोजगार मिला है.

पीटीआई की खबर के मुताबिक साल 2013 में सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 50 सड़कों की आधारशिला रखी थी. इसके साथ ही उन्होंने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और एक एफएम रेडियो का उद्घाटन भी किया था.

साल 2013  में ही सोनिया गांधी ने हरचंदपुर ब्लॉक में युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की 13 शाखाओं का उद्घाटन किया और साथ ही रायबरेली-महाराजगंज-अकबरपुर रेललाइन की आधारशिला रखी. हालांकि रायबरेली में कांग्रेस को बीच-बीच में झटका भी लगता रहा है. साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां से सभी विधानसभा सीटों पर हार गई थी. यूपीए के कार्यकाल में रायबरेली में कई बड़े प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए.

रायबरेली रेल कोच फैक्टरी (1,685 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट)
रायबरेली-कानपुर रोड पर रेल कोच फैक्टरी का संचालन शुरू किया जा चुका है. इस फैक्टरी में पीएम मोदी भी जा चुके हैं और साल 2019 के चुनाव में एक रैली का संबोधन भी किया है.

यह रेल कोच फैक्टरी रायबरेली-कानपुर रोड पर ऐहार गांव के पास सरकारी फॉर्म हाउस और आसपास के गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहीत कर बनाई गई है.

इस फैक्टरी की जमीन को लेकर भी उस समय की यूपी में बीएसपी सरकार के साथ टकराव की नौबत आ गई थी और स्थानीय लोगों ने लंबा आंदोलन किया था.  बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार जमीन देने को राजी हुई थी.  27 जनवरी 2009 को सोनिया गांधी ने इस फैक्टरी की बाउंड्री की आधारशिला रखी थी.

साल 2012 में सोनिया गांधी ने इसी फैक्टरी में तैयार किए गए 18 बोगियों को रवाना किया. हालांकि ये कोच कपूरथला फैक्टरी में बनाए गए थे और उनको फाइनल टच देने का काम रायबरेली रेल कोच फैक्टरी में किया गया.

इस फैक्टरी की वजह से कई हजार लोगों को रोजगार और नौकरी मिली है. हालांकि जिन लोगों को जमीन गई है उनको तो नौकरी मिली है लेकिन इसका कोई खास असर आसपास के बाकी बाशिंदों पर नहीं पड़ा है. सैकड़ों युवक ठेकेदारों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर छोटा-मोटा काम कर रहे हैं. इसके साथ जमीनों की कीमत बढ़ गई है. 

रेल पहिया कारखाना ( 1 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट)
दिसंबर 2012 में भारतीय रेलवे और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ जिसमें रायबरेली में एक व्हील फैक्टरी निर्माण की बात थी. साल 2013-14 के बजट में रेल बजट में इसका ऐलान भी किया गया और इस प्रोजेक्ट को 36 महीने में पूरा करना था.

प्लांट से हर साल 1,00,000 हजार रेल चक्कों का निर्माण होना था और इससे 500 से 600 नौकरियों की संभवान बनती. लेकिन रेल विभाग अभी तक इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन तय नहीं कर पाया है.

हालांकि बीच-बीच में स्थानीय लोगों में इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चाएं उठती रहती हैं. कई बार यह भी सुना गया है कि इस फैक्टरी के लिए अब रेल कोच फैक्टरी की ही जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा.

कई रेलवे प्रोजेक्ट: (1500 करोड़ के प्रोजेक्ट)
रायबरेली के विकास में रेलवे की ओर से कई अहम किए गए हैं. बोटलिंग प्रोजेक्ट के साथ ही कई रेलवे लाइन पर भी काम सोनिया गांधी के प्रयासों से शुरू किए गए हैं. साल 2013-14 में रेल बजट में रायबरेली-अमेठी के रूट पर डबल ट्रैक रेलवे लाइन, एक नई लाइन फैजाबाद से रायबरेली साथ ही 2 नई ट्रेनों का ऐलान किया गया. 

निफ्ट सेंटर ( 94.22 करोड़ का प्रोजेक्ट)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी का निर्माण किया गया. जिसमें प्रवेश लेने वालों छात्रों को फैशन इंडस्ट्री से जुड़े प्रोफेशनल कोर्स सिखाए जाते हैं.  अभी इसमें 300 छात्र पढ़ते हैं और तीन अंडरग्रेजुएट कोर्स चल रहे हैं.

फुटवेयर डिजाइन और डेवलेपमेंट इंस्टीट्यूट (100 करोड़ का प्रोजेक्ट)
साल 2008 में रायबरेली के फुरसतगंज में सोनिया गांधी ने 10 एकड़ फैले इस संस्थान के नींव रखी थी. लेदर इंडस्ट्री से जुड़े ये देश का 7वां एफडीडीआई सेंटर है. इस संस्थान में 600 छात्र पढ़ते हैं. इसमें अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट कोर्स चलाए जा रहे हैं.

राजीव गांधी पेट्रोलियम तकनीकी  संस्थान  (435 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट)
साल 2008 में सोनिया गांधी ने रायबरेली के जायस में 47 एकड़ में फैले इस संस्थान की नींव रखी थी. हालांकि इस संस्थान को शुरू में काफी समय लगा. बाद में इस संस्थान को साल 2015-16 में शुरू कर दिया गया. इसमें 7 बीटेक कोर्स, 6 मास्टर्स कोर्स जिसमें एमटेक और एमबीए शामिल हैं. 

रायबरेली में खुला एम्स ( 823 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट)
रायबरेली में एम्स में खुल जाने से आसपास के राज्यों को भी बहुत सुविधा हो रही है. इस संस्थान में दिल्ली के एम्स जैसा इलाज लोगों को मिल रहा है. हालांकि इस अस्पताल में अभी विभाग शुरू नहीं किए गए हैं लेकिन ओपीडी सुविधाएं शुरू की जा चुकी हैं. कोविड के दौरान इस अस्पताल में आईसीयू की उच्चस्तरीय सुविधा शुरू की गई है. बहुत ही कम खर्चे में यहां पर उच्चस्तरीय इलाज मिलता है.

राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय (202 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट)
राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन एक्ट 2013 के तहत इस संस्थान की स्थापना की गई है. इसे रायबरेली के फुरसतगंज में बनाया गया है. इसमें पायलटों के प्रशिक्षण के साथ-साथ एविएशन सेक्टर से जुड़े कोर्स कराए जाते हैं.

इसके साथ ही कई ऐसे प्रोजेक्ट भी हैं जिनको कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद उनको अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है. ये मंजूरी यूपीए के समय ही मिल गई थी. जिनमें महिला विश्वविद्यालय शामिल है. 

हालांकि सोनिया गांधी के कार्यकाल में अब तक रायबरेली को कई प्रोजेक्ट मिले हैं लेकिन इस दौरान इस जिले को सरकारों के टकराव का भी सामना करना पड़ा है. जब सूबे की सत्ता में बीएसपी सुप्रीमो मायावती का शासन था तो कई मुद्दों पर टकराव था जिसमें रेल कोच फैक्टरी का जमीन अधिग्रहण शामिल था. वहीं जब यूृपी में सैफई और रामपुर में 24 घंटे बिजली दी जा रही थी तो रायबरेली भीषण कटौती की मार झेल रहा था.  

रायबरेली की जनता को सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि उनका अपनी सांसद सोनिया गांधी से कभी सीधा संवाद नहीं बना पाया. उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हमेशा बीच के नेताओं का सहारा लेना पड़ा है. अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के कमजोर होने की एक ये भी एक बड़ी वजह है. रायबरेली में अभी तक कांग्रेस को वोट सोनिया गांधी के नाम पर मिलता रहा है. लेकिन बीते कुछ सालों में वोट शेयर में लगातार गिरावट दर्ज हुई है.

बिजली कटौती से परेशान जनता ने सांसद सोनिया गांधी से भी गुहार लगाई थी. कहा ये भी जाता है कि संसद में एक बार सोनिया गांधी इस मुद्दे पर बात करने के लिए खुद मुलायम सिंह यादव की सीट तक गई थीं.

इसके साथ ही रायबरेली शहर की सड़कें आज भी बेहद खराब हैं. शहर के अंदर कई जगहों पर गढ्ढे नजर आते हैं और रायबरेली का इस मामले में दुर्भाग्य रहा है कि सत्ता के खेल के बीच यह जिला हमेशा पिसता रहा है.   

About the author मानस मिश्र

.
Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'कोई ब्लेम-गेम नहीं...',  कफ सिरप से बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार सख्त; कहा- तमिलनाडु ने नहीं लिया एक्शन
'कोई ब्लेम-गेम नहीं...', कफ सिरप से बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार सख्त; कहा- तमिलनाडु ने नहीं लिया एक्शन
IPS वाई पूरन सुसाइड केस: IAS पत्नी ने दी शिकायत, DGP के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की
IPS वाई पूरन सुसाइड केस: IAS पत्नी ने दी शिकायत, DGP के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की
'ग्लोबल इकोनॉमी के लिए इंजन बना रहेगा भारत', US के टैरिफ का नहीं होगा असर; IMF के बयान से उड़ जाएगी ट्रंप की नींद!
'ग्लोबल इकोनॉमी के लिए इंजन बना रहेगा भारत', US के टैरिफ का नहीं होगा असर; IMF के बयान से उड़ जाएगी ट्रंप की नींद!
विराट कोहली या रोहित शर्मा, भारत के स्टार खिलाड़ियों में कौन है ज्यादा अमीर? जानें नेटवर्थ
विराट कोहली या रोहित शर्मा, भारत के स्टार खिलाड़ियों में कौन है ज्यादा अमीर? जानें नेटवर्थ
Advertisement

वीडियोज

VIP Convoy: 20 मिनट तक तड़पती रही Ambulance, क्या VIP ज्यादा जरूरी?
Crime News: पत्नी की हत्या, तहखाने में लाश, फिर आत्मा के डर से कबूला जुर्म! Delhi में पति पर खौलता तेल
Cough Syrup Deaths: MP में 20 बच्चों की मौत, CM Mohan Yadav बोले- 'कल की बात आज मत लाओ'
NDA और महागठबंधन में सीटों को लेकर फंसा पेंच!
Heavy Snowfall: पहाड़ों पर 40 साल का रिकॉर्ड टूटा, Patna में गर्मी का कहर!
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.77 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.67 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'कोई ब्लेम-गेम नहीं...',  कफ सिरप से बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार सख्त; कहा- तमिलनाडु ने नहीं लिया एक्शन
'कोई ब्लेम-गेम नहीं...', कफ सिरप से बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार सख्त; कहा- तमिलनाडु ने नहीं लिया एक्शन
IPS वाई पूरन सुसाइड केस: IAS पत्नी ने दी शिकायत, DGP के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की
IPS वाई पूरन सुसाइड केस: IAS पत्नी ने दी शिकायत, DGP के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की
'ग्लोबल इकोनॉमी के लिए इंजन बना रहेगा भारत', US के टैरिफ का नहीं होगा असर; IMF के बयान से उड़ जाएगी ट्रंप की नींद!
'ग्लोबल इकोनॉमी के लिए इंजन बना रहेगा भारत', US के टैरिफ का नहीं होगा असर; IMF के बयान से उड़ जाएगी ट्रंप की नींद!
विराट कोहली या रोहित शर्मा, भारत के स्टार खिलाड़ियों में कौन है ज्यादा अमीर? जानें नेटवर्थ
विराट कोहली या रोहित शर्मा, भारत के स्टार खिलाड़ियों में कौन है ज्यादा अमीर? जानें नेटवर्थ
Films Releasing In January 2026: जनवरी 2026 में बॉक्स ऑफिस पर बड़ा धमाका! 'बॉर्डर 2' सहित ये 5 बड़ी फिल्में होंगी रिलीज
जनवरी 2026 में बॉक्स ऑफिस पर बड़ा धमाका! 'बॉर्डर 2' सहित ये 5 फिल्में होंगी रिलीज
ये 5 लक्षण दिखें तो समझ जाएं आपको है एंजियोप्लास्टी कराने की जरूरत, तुरंत भागें डॉक्टर के पास
ये 5 लक्षण दिखें तो समझ जाएं आपको है एंजियोप्लास्टी कराने की जरूरत, तुरंत भागें डॉक्टर के पास
कफ सिरप से अब तक कितने बच्चों ने गंवाई जान, जानें कितने राज्यों में इसका खौफ?
कफ सिरप से अब तक कितने बच्चों ने गंवाई जान, जानें कितने राज्यों में इसका खौफ?
क्या होती है जीरो एफआईआर, नॉर्मल एफआईआर से क्यों है अलग- जानिए ZERO FIR का कॉन्सेप्ट
क्या होती है जीरो एफआईआर, नॉर्मल एफआईआर से क्यों है अलग- जानिए ZERO FIR का कॉन्सेप्ट
Embed widget