लखनऊ, एबीपी गंगा। चुनाव को लेकर अक्सर यह चर्चा आम है कि प्रत्याशी जीत के लिए हर हथकंडे अपनाते हैं और पैसों की ताकत का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए खर्चों का हिसाब-किताब छिपा पाना मुश्किल होगा। उम्मीदवारों के हर आयोजन, हर चुनावी गतिविधि पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है। वीडियो सर्विलांस की टीमें सतर्क हैं और उनकी नजरों से बच पाना मुश्किल होगा।


जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी होगी सूचना


कोई भी प्रत्याशी निर्वाचन आयोग की आंख में धूल न झोंक सके इसके लिए विधानसभावार सर्विलांस दस्ता गठित किया गया है। आयोग के निर्धारित नियम के मुताबिक यदि किसी प्रत्याशी अथवा दल को कोई कार्यक्रम आयोजित करना है तो उसकी सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी जरूरी होगी। सूचना के आधार पर सर्विलांस टीम मौके पर पहुंचेंगी और पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। कैमरे में कैद सूचना और आयोजक की ओर से दी गई सूचना का मिलान किया जाएगा। मिलान में फर्क आने पर आयोग नोटिस जारी करेगा और फर्क मिला तो कार्रवाई भी की जाएगी।


बारीकी से रखी जाएगी नजर


प्रत्याशियों अथवा कार्यक्रम आयोजकों द्वारा प्रयोग किए गए वाहनों, कुर्सियों, फर्नीचर, लाइट, लाउडस्पीकर ही नहीं बैनर, कटआउट व वक्ताओं द्वारा दिए गए भाषण और आयोजन में खर्च हुए अन्य व्यय भी प्रदर्शित करने होंगे। सर्विलांस टीमें इन सभी की गणना करेंगी। सर्विलांस टीम इसकी सीडी तैयार करेगी और उसे वीडियो अवलोकन टीम को उपलब्ध कराएगी।


हिसाब-किताब का होगा मिलान


वीडियो अवलोकन टीम का कार्य सीडी को देखना होगा और व्यय से संबंधित रिपोर्ट लेखा टीम और सहायक व्यय प्रेक्षक को देगी। लेखा टीम वीडियो साक्ष्य के आधार पर निर्धारित दर से व्यय की गणना करेगी। इसके बाद व्यय प्रेक्षक के सामने प्रत्याशी के व्यय रजिस्टर में बताए गए हिसाब-किताब से लेखा टीम के हिसाब-किताब का मिलान किया जाएगा।


हर गतिविधि पर होगी पैनी नजर


चुनाव खर्च, प्रत्याशी, पार्टी कार्यकर्ता, बैंक अकाउंट जैसी अन्य कई उपलब्ध जानकारियों पर प्रशासन की पैनी नजर है। पार्टी के नेता या कार्यकर्ता ही नहीं आम जनता भी निर्धारित सीमा से अधिक धन लेकर नहीं चल सकते। ऐसी हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।


भारी पड़ेगी लापरवाही


लोकसभा चुनाव 2019 में निर्वाचन आयोग सिर्फ चुनाव खर्च पर ही नहीं बल्कि मतदाताओं को प्रलोभन देने व अन्य सामग्रियों के लेनदेन पर भी नजर रख रहे हैं। व्यापारियों को बैंक की रसीद व परिचय पत्र लेकर चलना होगा। इसी तरह प्रत्याशी या पार्टी कार्यकर्ता तय से अधिक धनराशि लेकर नहीं चल सकेंगे।