Prayagraj News Today: प्रयागराज में सोमवार (13 जनवरी) से कल भव्य और दिव्य महाकुंभ का शुभारंभ हुआ. पहले देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ में आज मंगलवार (14 जनवरी) को प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी पहुंची, जहां वह भक्तों की श्रद्धा देखकर भाव विभोर नजर आईं.


इस दौरान मीडिया से बात करते हुए जया किशोरी ने कहा कि यहां आए सभी लोगों के बहुत सुंदर भाव हैं. इतनी ठंड के बावजूद यहां इतनी बड़ी संख्या में लोग आए हैं, इतनी श्रद्धा, भक्ति और प्रेम सच में आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही अद्भुत अनुभव रहा है, मुझे बहुत अच्छा लगा. 






'महाकुंभ से मिलती है ऊर्जा'
महाकुंभ को लेकर जया किशोरी ने कहा, "वैसे तो कथा का अपना महत्व है. चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं, तभी से महाकुंभ लगता है. जिनमें हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज शामिल है." उन्होंने आगे कहा, "इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को एक जगह पर देखकर जो ऊर्जा महसूस होती है, वह ऊर्ज हर जगह या सामान्य दिनों में नहीं मिलती है. जो इतनी श्रद्धा, भक्ति और आभा यहां मिल रही है, ये हर वक्त नहीं मिलेगा. यह सिर्फ एक महीने महाकुंभ के दौरान ही मिलती है. साधारण दिनों में ये वाली ऊर्जा नहीं महसूस होगी."


प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने कहा, "इस दौरान जब डुबकी लगाते हैं, तो एक भाव रहता है कि मेरे पाप धुल जाएंगे. भगवत प्राप्ति हो जाएगी. यह सभी की अपनी- अपनी भक्ति और श्रद्धा है. ऐसे में महाकुंभ आएं, यहां उन्हें बहुत से अनुभव मिलने वाले हैं." उन्होंने कहा, "महाकुंभ में सब कुछ मिलेगा, यहां पर ज्ञान, आनंद, आध्यात्म, संस्कार और संस्कृति है. इनका सबका अभी कहीं मेल हो रहा है तो वह प्रयागराज में हो रहा है." उन्होंने लोगों से प्रयागराज आने का आह्वान किया. 


'कुंभ की सीख जीवन में उतारें'
जया किशोरी ने कहा कि हर क्षेत्र में कुछ ना कुछ अच्छा और बुरा होता है, हमारा काम है अच्छे को चुनना और बुरे को नजर अंदाज कर देना. उन्होंने कहा कि गलत बातें फैलाने से अच्छा है- हंस बनिये और मोती चुनिये. इस मौके पर जब उनसे पूछा गया कि आप यहां लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगी, इस पर जया किशोरी ने कहा कि महाकुंभ से जो संस्कृति, संस्कार और जो आध्यात्म की ऊर्जा आप लेकर जा रहे हैं, उसको अपने जीवन में आत्मसात करें.   


इस मौके पर जया किशोरी ने आगे कहा, "कथा में भी लोग आते हैं, सुनते हैं और चले जाते हैं. इससे कोई फायदा नहीं होता है." उन्होंने कहा, "ये ज्ञान और सीख अपने साथ लेकर जाएं और जीवन में उसको उतारें." जया किशोरी ने मकर संक्रांति शुभकामना देते हुए कहा, "इतना सुंदर समय है, इससे अच्छा समय नहीं हो सकता है. ऐसे में आप आएं और महाकुंभ के दर्शन करें." 


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