Sri Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मस्थान (Shri Krishna Janmasthan) और शाही ईदगाह विवाद (Shahi Eidgah Mosque) मामले में शनिवार को मथुरा की अदालत ने एक आदेश जारी किया है. कोर्ट ने विवादित स्थल की सर्वे के लिए आदेश जारी किया है. वहीं कोर्ट ने 20 जनवरी तक अमीन को नक्शे सहित विवादित स्थल की सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी का समय दिया है. वहीं कोर्ट ने इस संबंध में सभी प्रतिवादियों को नोटिस तामील कराने के भी आदेश दिए हैं.
मथुरा के सिविल जज सीनियर डिविजन तृतीय सोनिका वर्मा की अदालत ने ये आदेश शनिवार को दिया. कोर्ट ने आदेश हिंदू सेना द्वारा दायर किए गए दावे में दिया है. वहीं इस संबंध में वादी अधिवक्ता शैलेश दुबे ने जानकारी दी है. उन्होंने श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने और शाहीईद गाह को हटाने के लिए याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से तीन मांगे रखी थी.
क्या रखी थी मांग?
वादी ने अपनी मांगों में पुराने समझौते की डिग्री को शून्य करने, 13.37 एकड़ भूमि में अवैध रूप से किए गए निर्माण को रोकने और हटाने तक यथास्थिति बनाए रखने के अलावा विवादित स्थल की सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर भेजकर रिपोर्ट मांगने की मांग रखी थी. हिंदू सेना के दावे पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद का अमीन सर्वे करने का आदेश किया है. इसकी रिपोर्ट 20 जनवरी तक पेश करनी होगी.
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में हिंदू सेना के दावे पर सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत ने ईदगाह का अमीन सर्वे करने का आदेश किया है. यह उसी तर्ज पर है, जिस तरह से वाराणसी में ज्ञानवापी के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था. गुरुवार को इस पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी होने थे, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है.
वादी ने पेश किया है पूरा इतिहास
विगत आठ दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में दावा किया था. इसमें कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर तोड़कर औरंगजेब द्वारा ईदगाह तैयार कराई गई थी. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया.
उन्होंने वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी चुनौती दी है. वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने बताया कि आठ दिसंबर को अदालत के समक्ष पूरा मामला रखा. अदालत ने उसी दिन केस को दर्ज कर लिया था और अमीन को वास्तविक स्थिति की सर्वे कर नक्शे सहित रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में 22 दिसंबर को अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी. अब 20 जनवरी तक विवादित स्थल की सर्वे कर रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी.