Sri Krishna Janmabhoomi Case: कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में आज भी नहीं हुई सुनवाई पूरी, जानें दोनों पक्षों ने क्या कहा?
Shahi Idgah Masjid Case: श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. आज की सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों की तरफ से दलीलें पेश की गई.
Mathura Mandir Masjid Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद की सुनवाई आज भी पूरी नहीं हो सकी. हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई डेढ़ दर्जन याचिकाओं की पोषणीयता पर हाईकोर्ट में सुनवाई कल भी जारी रहेगी. कल 21 मई को दोपहर दो बजे से आगे की सुनवाई होगी. सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में होगी.
हाईकोर्ट में आज की सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों की तरफ से दलीलें पेश की गई. हिंदू पक्ष की तरफ से यह आपत्ति जताई गई कि तीन मुकदमों में मुस्लिम पक्ष आपत्तियां दाखिल कर बहस तो कर रहा है, लेकिन वकालतनामा नहीं लगाया गया है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से आज भी सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट तसनीम अहमदी और महमूद प्राचा ने दलीलें पेश की.
श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर कल होगी सुनवाई?
कल 21 मई को होने वाली सुनवाई में सूट नंबर पांच में बहस की जाएगी. सूट नंबर पांच में दलीलें पेश होने के बाद मिसलेनियस बहस होगी. अदालत इसके बाद अपना जजमेंट रिजर्व कर लेगी. हालांकि याचिकाओं की पोषणीयता पर फैसला जुलाई महीने में ही आएगा.
18 याचिकाओं पर हो रही है सुनवाई
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद की तर्ज पर मथुरा मामले में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट सीधे तौर पर सुनवाई कर रहा है. हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष ने इन याचिकाओं की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए इन्हें खारिज किए जाने की अपील की है. अदालत में अभी मुकदमों की पोषणीयता पर ही बहस चल रही है. मुस्लिम पक्ष ने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत याचिकाओं की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए इन्हें खारिज किए जाने की मांग की है.
मुस्लिम पक्ष ने दिया रिलीफ एक्ट का हवाला
मुस्लिम पक्ष ने मुख्य रूप से प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील पेश की है. हिंदू पक्ष की याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को हिंदुओं की बताकर वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है.
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