लखनऊ, अनुभव शुक्ला। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले को लेकर सुनवाई अब अंतिम दौर में है। जल्द ही इस पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला भी सुना देगा लेकिन फैसला आने से पहले ही आरएसएस ने मंदिर निर्माण को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। मंदिर निर्माण को लेकर आरएसएस अब माहौल बनाने में जुट गई है।
विजयदशमी के मौके पर राजधानी लखनऊ में आरएसएस ने जय श्री राम विजयदशमी शोभायात्रा निकाली। इसकी खास बात ये रही कि जो रथ इस शोभा यात्रा में शामिल हो रहा है उसे खासतौर से अयोध्या से मंगवाया गया है और इस रथ में एक छोटा सा मंदिर भी बनाया किया गया है जिसमे श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की मूर्ति स्थापित है।
आरएसएस की कोशिश है कि इस शोभायात्रा के जरिये अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जनजागरण अभियान शुरू किया जाए। साथ ही गौहत्या और हिन्दू राष्ट्र जैसे मुद्दों पर भी लोगों को जागरूक किया जाए। ये शोभायात्रा लखनऊ के 34 मुख्य चौराहों से होकर गुजरी।
रथयात्र ने लगभग 41 किलोमीटर का रूट तय किया। रथयात्र में 400 से ज्यादा दोपहिया वाहन और 300 से ज्यादा चार पहिया वाहन शामिल हुए। इस यात्रा में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कई महिलाएं बाइक और स्कूटी पर तो कई कार चलाती नजर आयीं। हालांकि इसमें शामिल ज्यादातर लोग मोटर व्हीकल एक्ट को तोड़ते नजर आये।
आरएसएस के स्वयंसेवकों का कहना है कि लखनऊ का पुराना नाम लक्ष्मण पुरी है और ऐसी मान्यता है कि शहर को भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण ने बसाया था। इसीलिए इस शोभायात्रा को लखनऊ से शुरू किया गया है। इसके जरिए युवा पीढ़ी को भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े पहलुओं से अवगत कराया जाएगा। साथ ही उनका कहना है की अब हर साल कोशिश होगी कि शोभायात्रा को बड़े स्तर पर निकाला जाए और लखनऊ के बाद इसे प्रदेश के दूसरे शहरों में भी शुरू करने की तैयारी है। इस शोभायात्रा का प्रचार आरएसएस ने देश के सभी प्रमुख शहरों में किया था और कई बड़े हवाई अड्डों पर इससे जुड़े हार्डिंग भी लगाए गए थे।