UP News: एससी और एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सियासी हलचल थमने का नाम नहीं है. एनडीए में ही इस मुद्दे पर दो फाड नजर आ रहा है. गठबंधन के कई दल क्रीमी लेयर बनाने के फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो कई दल इसका विरोध कर रहे हैं. खुद बीजेपी भी क्रीमी लेयर बनाने के फैसले के खिलाफ खड़ी नजर आ रही है.
लेकिन अब बीजेपी को गठबंधन के कई दलों को समर्थन नहीं मिलता दिख रहा है. क्रीमी लेयर बनाने का निषाद पार्टी ने समर्थन कर दिया है. पार्टी प्रमुख और योगी सरकार में मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा, 'एससी एसटी कोटे में क्रीमी लेयर होना चाहिए. वोट कम होने के डर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कई बड़े दल विरोध कर रहे हैं.' इस दौरान उन्होंने उपचुनाव पर भी बयान दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा- पाकिस्तान का विलय होगा या समाप्त होगा
बीजेपी सांसदों की मांग
गौरतलब है कि बीजेपी भी एसटी-एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर बनाने के पक्ष में नहीं है. बीते दिनों बीजेपी के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) से संबंधित लगभग 100 सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस बैठक का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी कोटे के भीतर क्रीमी लेयर लागू करने के संबंध में दिए गए फैसले पर चर्चा करना था.
सांसदों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की थी कि यह फैसला लागू नहीं किया जाना चाहिए. सांसदों ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध उपवर्गीकरण के खिलाफ नहीं है, बल्कि एससी/एसटी समुदाय के लिए क्रीमी लेयर के प्रावधान के खिलाफ है. इस मांग पर पीएम मोदी के ओर से उन सांसद को आश्वासन दिया गया था.
तब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट शेयर कर इस मुलाकात की जानकारी दी और आश्वासन दिया कि एससी/एसटी समुदाय के लिए क्रीमी लेयर का प्रावधान लागू नहीं किया जाएगा.