AN Mittal Reaction on love jihad and Religion change: इन दिनों लव जिहाद और धर्म परिवर्तन का मामला सुर्खियों में है. लगातार एक के बाद एक कई इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. लव जिहाद और धर्म परिवर्तन को लेकर राज्य विधि आयोग के चेयरमैन आदित्यनाथ मित्तल ने कहा कि धर्म परिवर्तन के बारे में राज्य विधि आयोग ने नवंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी और राज्य सरकार ने उस रिपोर्ट की सारी संस्तुतियों को मानते हुए उस पर कानून बना दिया है. कानून ये है कि अगर कोई व्यक्ति डर दिखाकर, लोभ दिखाकर या अच्छी शिक्षा का लालच देकर या किसी अन्य प्रकार के प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है. 


स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए दिया गया है प्रावधान 
एएन मित्तल ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन कराना चाहता है तो उसके लिए हमने प्रावधान दिया है कि वो जिला मजिस्ट्रेट के यहां अपना आवेदन प्रस्तुत करेगा और अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर देगा और जो पादरी, मौलाना, पंडित है जो भी धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं उनका भी पूरा ब्यौरा देना होगा. डीएम उसकी जांच करेंगे कि ये व्यक्ति स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन कर रहा है. अगर वो व्यक्ति अपना धर्म परिवर्तन कर रहा है तो उसको धर्म परिवर्तन करने की इजाजत दी जाएगी. परंतु उसका जो स्टेटस है वो परिवर्तन का स्टेटस माना जाएगा.


विदेशी फंडिंग हो रही है
एएन मित्तल ने कहा कि, आजकल हो ये रहा है कि लोग धर्म परिवर्तन कर लेते हैं और फिर मुकर जाते हैं. हमने पूरी प्रक्रिया दी है. खासतौर पर लड़कियों को जो बरगलाया जा रहा है ये गलत है और ये दंडनीय है. वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके बारे में बड़ी ही कठोर व्यवस्था की है और ऐसे लोगों के प्रति मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. इसमें विदेशी फंडिंग हो रही है. जो मीडियम क्लास के लड़कों को बड़ी-बड़ी सुविधाएं दे दी जाती हैं. मोटरसाइकिल और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. स्मार्ट लड़के होते हैं, उनका टारगेट यही होता है कि वो दूसरे धर्म की लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा लें. कलावा बांधकर, गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर ड्रामा करके ये इस प्रकार से धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. ये गलत और निंदनीय हैं. ऐसे धर्म परिवर्तन को इस्लाम भी स्वीकार नहीं करता है.


बड़े पैमाने पर साजिश रची जा रही है
राज्य विधि आयोग के चेयरमैन आदित्यनाथ मित्तल ने कहा कि हमने अपनी रिपोर्ट में इस शब्द को जानबूझकर प्रयोग नहीं किया है परंतु जो मीडिया में रिपोर्ट आ रही हैं और जिस तरह से उनके तार एक दूसरे से जुड़ रहे हैं और विदेशी फंडिंग आ रही है तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिहाद है. जबकि, जिहाद बड़ा ही धार्मिक शब्द है जिसका अर्थ होता है आंदोलन. किसी अच्छे काम के लिए आंदोलन. परंतु इस्लाम के खिलाफ जाकर के ये तथाकथित जिहाद चलाया जा रहा है. ये समाज के लिए बड़ा घातक है, बहुत खराब है. ये वास्तव में चल रहा है. मीडिया कोई झूठी रिपोर्ट नहीं दिखाती. तमाम लड़कियों के इंटरव्यू आ रहे हैं, एफआईआर कराई जा रही हैं. हिंदू नाम रखकर शादी कर ली और शादी करके जब घर में गई तो पता लगा कि है मुस्लिम है और फिर उस पर दबाव डालकर उसका धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया गया, करा भी दिया गया. धर्म परिवर्तन करने के बाद उसको यातना दी गई है. तो इसका उद्देश्य प्रेम नहीं है. जहां लव होगा वहां जिहाद नहीं होगा और जहां जिहाद होगा वहां लव नहीं होगा. लव बगैरा कुछ नहीं है ये झूठी कहानी है झूठा ढकोसला है. केवल और केवल दूसरे समुदाय की लड़कियों को बर्बाद करना है. इसकी एक बड़े पैमाने पर साजिश रची जा रही है. मैं सभी माता-पिता से कहूंगा कि वो अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखें. उनके मोबाइल पर ध्यान रखें. कब कहां जा रहे हैं, किससे मिलने जा रहे हैं उस पर ध्यान रखो. बाद में पछताने से कुछ नहीं होता. 


प्रेम के खिलाफ नहीं
एएन मित्तल ने कहा कि आमिर खान के मसले को मैं लव जिहाद नहीं मानता. हालांकि, ये सत्यता है कि ज्यादातर फिल्म एक्टर जो खासतौर से मुस्लिम हैं उनकी पत्नियां हिंदू हैं. मैं मानता हूं इस बात को, पर ना तो उन्होंने अपना नाम छुपाया और ना उन्होंने किसी प्रकार का लोभ लालच दिया और ना ही  ऐसा कोई मामला सामने आया कि कुछ महीने में मुस्लिम एक्टर ने किसी हिंदू महिला को लात मारकर के घर से बाहर निकाल दिया. देखें प्रेम किसी से भी हो सकता है. मानव जीवन में प्रेम की कोई परिभाषा नहीं है. प्रेम किसी से कोई भी कर सकता है. प्रेम सफल हो असफल हो ये भी अलग चीज है. पर जहां प्रेम है ही नहीं वहां केवल छलावा है. जहां केवल छल कपट है, मैं उसके खिलाफ हूं. प्रेम के खिलाफ नहीं हूं प्रेम करिए आप.


ये विदेशी जाल का घिनौना कृत्य है
एएन मित्तल ने कहा कि ये कौन लोग हैं ये आप भी जानते हैं और हम भी जानते हैं. निष्कर्ष कुछ नहीं निकलना. समाज को कुत्सित करना है, समाज को बिगाड़ना है. कुछ वामपंथी हैं, कुछ लिबरल है जो इस प्रकार की गतिविधियां करते हैं. वो भारत की एकता को नहीं चाहते. वो नहीं चाहते कि भारत एक अखंड देश बने. जो ये नहीं चाहते कि भारत में शांति स्थापित रहे वो छोटे-छोटे टूलकिट चलते रहते हैं. सोशल मीडिया पर प्रचार करते हैं, जैसे पता नहीं कि हिंदुस्तान का नागरिक कितना परेशान हैं, पीड़ित हो रहा है. ये सब विदेशी फंडिंग और विदेशी जाल का घिनौना कृत्य है. 


जनता विकास चाहती है
एएन मित्तल ने कहा कि राजनीति करने का सबको अधिकार है परंतु जातिगत वैमनस्यता या जातिगत घृणित प्रचार किसी को भी नहीं करना चाहिए. हमारे संविधान में हमें अगर बोलने की आजादी दे रखी है इसका तात्पर्य नहीं है कि आप उटपटांग कुछ भी कहीं भी किसी को भी बोल सकते हैं. हालांकि, अब देश की जनता बहुत समझदार हो चुकी है और आप पिछले चार-पांच चुनाव में देख रहे हैं कि इस प्रकार के बातों से, इस प्रकार की नारों से, दुष्प्रचार से अब जनता प्रभावित नहीं होती है. जनता विकास चाहती है काम देखना चाहती है. अब जनता जातिगत आधार पर वोट नहीं देती. तो लोगों को खुद ही जवाब मिल रहा है. जिस काम के लिए वो राजनीति कर रहे हैं कि इलेक्शन जीतें और इलेक्शन में नहीं जीत रहे, परिणाम उनके सामने हैं.


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