UP News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अपने चाचा और सपा विधायक शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) से मुलाकात पर राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह (Mayankeshwar Sharan Singh) ने कहा कि यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है. वह विपक्षी दल है, विपक्षी दल को मजबूत भी होना चाहिए लेकिन मुझे नहीं लगता कि आज की परिस्थिति में उत्तर प्रदेश में कोई बीजेपी से लड़ने की कोशिश में भी हो. शिवपाल यादव की चाहे जिस तरह की भूमिका हो, लेकिन जब जमीन पर लड़ने की क्षमता कोई पार्टी खो देती है तो फिर उस पार्टी का वजूद अपने आप धीरे-धीरे खत्म हो जाता है.


वहीं, अखिलेश यादव के केसीआर की महारैली में जाने पर मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनके मिलने से आने वाली राजनीति में कोई प्रभाव पड़ेगा. केसीआर उत्तर प्रदेश में प्रभाव जीरो है वैसे ही अखिलेश यादव का तेलंगाना में प्रभाव जीरो है. जहां तक बात थर्ड फ्रंट की है तो ऐसा कोई फ्रंट तैयार नहीं होगा. मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि बीजेपी निश्चिंत है, लेकिन ओवरकॉन्फिडेंट नहीं. हम जमीन पर काम करने वाले लोग हैं. बीजेपी का चाहे बड़ा नेता हो या छोटा नेता, सब किसी ना किसी एक पन्ने का प्रमुख होता है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, गृहमंत्री तक किसी पन्ने के प्रमुख हैं और वह काम उनको भी करना पड़ता है. छोटे से छोटा कार्यकर्ता और शीर्ष नेतृत्व वह सब अपने काम में पूरी तरीके से लगे रहते हैं.


बर्क के बयान पर मयंकेश्वर शरण सिंह ने दी यह प्रतिक्रिया
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के बसपा अध्यक्ष मायावती को लेकर दिए बयान पर कहा, 'मुझे नहीं लगता सपा बसपा का कोई गठबंधन होने जा रहा. लेकिन अगर हो भी जाए, सब साथ मिलकर भी लड़े, तो भी हम लोग तैयार हैं. बीजेपी के लोग हमेशा चाहे चुनाव हो या ना हो, 24 घंटे काम करने वाले लोग हैं. इसलिए हम लोग हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. बसपा की 2024 को लेकर चल रही तैयारी और कार्यकर्ता सम्मेलनों पर मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि बीजेपी भी कैडर बेस पार्टी है और बसपा भी कैडर बेस पार्टी है. बसपा का कैडर है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता. अब जनता क्या सोच रही इसको लेकर हम पूरा कॉन्फिडेंट हैं. जनता पीएम मोदी, सीएम योगी के नेतृत्व से संतुष्ट है.


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