नोएडा: नोएडा की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ रेनू अग्रवाल ने बताया कि ब्लैक फंगस स्टेरॉइड्स के सही इस्तेमाल न होने की वजह से व ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर में डालने वाले पानी की सफाई न होने की वजह से हो रहा है. जो मरीज घर पर हैं और ऑक्सीजन ले रहे हैं, वो विशेष ख्याल रखें. साथ ही जिन्हें दिक्कत महसूस होती है, वो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें, खुद से अपना इलाज न करें.


सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस का मरीज नहीं


ब्लैक फंगस में सबसे पहले नाक में दर्द, गले में और आंख में दिक्कत होती है. तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर इससे बचा जा सकता है. अभी नोयडा के सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के लिए जरूरी दो दवाओं में से एक दवा उपलब्ध नहीं है इसकी मांग हमने प्रशासन से की है, जल्द ही दवा उपलब्ध होगी, अभी ब्लैक फंगस का कोई मरीज सरकारी अस्पताल में नहीं आया है.


डीएम ने कहा, ब्लैक फंगस के 24 मरीज


वहीं, दूसरी ओर डीएम सुहास एल वाई ने बताया कि, जनपद में अब तक 24 मरीज ब्लैक फंगस के मिले हैं, जिनका उपचार हो रहा है, दो जरूरी दवाओं में से एक उपलब्ध नहीं है. हमने उत्तर प्रदेश सरकार से दवा की मांग की है. जल्द ही दवा उपलब्ध होगी. बाजार में दवाओं की कालाबाजारी न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है. ब्लैक फंगस की दवा सरकारी अस्पताल को सरकार द्वारा उपलब्ध होगी, जबकि निजी अस्पताल को कम्पनी से सीधे उपलब्ध होगी. गांवों में ब्लैक फंगस को लेकर कम जानकारी है, इसके लिए हमने तमाम डॉक्टरों व आगंनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा वर्करों को बोला है, वो गांवो में निगरानी रखे और कुछ जरूरी दवा भी उन्हें दी गयी हैं जोकि मरीजो के काम आएंगी. ब्लैक फंगस स्टेरॉइड्स व ऑक्सीजन के सही इस्तेमाल न होने की वजह से हो रहा है, इसको लेकर भी हम लोग जागरूकता करवा रहे हैं.


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