Statue Politics in UP: मूर्ति की सियासत ने यूपी में पकड़ा जोर, फूलन देवी का स्टेच्यू लगाने पर सियासी दलों में होड़
UP Election 2022: यूपी चुनाव में अब मूर्ति लगाने की सियासत का दौर शुरू हो गया है. सपा के एलान के बाद बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी ने भी फूलन देवी की मूर्ति लगवाने का एलान किया है.
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, मूर्तियों पर सियासत (Statue of Poitics) भी बढ़ती जा रही है. आज समाजवादी पार्टी का पिछड़ा वर्ग सम्मेलन (Samajwadi party backward class conference) रायबरेली के ऊंचाहार (Unchahaar) में हो रहा है, तो वहां सपा की तरफ से दस्यु सुंदरी फूलन देवी की मूर्ति (Statue of Phoolan devi) भी लगाने की तैयारी है. हालांकि, इसे लेकर वहां स्थानीय स्तर पर काफी विरोध हो रहा है. साथ ही जिला प्रशासन ने भी मूर्ति लगाने की अनुमति प्रदान नहीं की है. इस पर यूपी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक (Law Minister Brijesh Pathak) का कहना है कि, लोकतंत्र में सभी को अपने क्रियाकलाप करने की छूट है, लेकिन जो भी इस तरह के स्टैच्यू लगाए जाते हैं उसके लिए पहले शासन से अनुमति लेनी होती है.
मूर्ति की सियासत
बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में मूर्तियों को लेकर जो सियासत जारी है, उसमें खासतौर से फूलन देवी की मूर्ति लगाने की सियासी दलों के बीच होड़ सी मची हुई है. पहले बिहार में एनडीए की सहयोगी वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने यूपी में फूलन देवी की मूर्तियों को लगाने का ऐलान किया, फिर उसके बाद ऐसा ही कुछ एलान समाजवादी पार्टी ने किया और बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी ने भी मूर्ति लगाने की बात कही है. दरअसल, मूर्ति के बहाने सियासी दल वोट बैंक की पॉलिटिक्स में जुटे हुए हैं. फूलन देवी केवट बिरादरी से आती थी और निषाद बिरादरी का अच्छा खासा वोट बैंक है, इसीलिए सियासी दलों का झुकाव अब फूलन देवी की मूर्ति की तरफ हो रहा है.
ब्रजेश पाठक ने कहा-सभी को छूट
हालांकि ऊंचाहार में रायबरेली प्रशासन ने मूर्ति लगाने की अनुमति नहीं दी है. इस पर यूपी सरकार में न्याय मंत्री बृजेश पाठक का साफ तौर पर कहना है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी पॉलीटिकल एक्टिविटी करने की छूट है, लेकिन इस प्रकार के स्टेचू जब भी लगाए जाते तो उसको पहले शासन से अनुमति लेनी होती है, कोई अगर मंदिर या धार्मिक स्थल भी बनाना चाहता है तो उसकी भी पूरी एक प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया को फॉलो सभी को करना पड़ता है.
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