लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश लोकसेवा चयन आयोग की बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने वाली परीक्षा एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसटीएफ ने परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को हिरासत में लिया। हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद यूपीपीएससी की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को गिरफ्तार कर लिया गया है। गौरतलब है कि एबीपी गंगा ने सबसे पहले आपको बता दिया था कि अंजू लता पेपर लीक मामले में शामिल हैं और उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।


ठोस सबूत मौजूद


पेपर लीक करने वाले गिरोह से आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता की मिलीभगत साबित करने के लिए एसटीएफ के पास ठोस सबूत हैं। गिरोह सरगना कौशिक के बयान के अलावा उससे वाट्सएप पर अंजू लता की बातचीत के मैसेज भी हैं। कई मैसेज ऐसे हैं जिनमें उन्होंने अशोक देव चौधरी द्वारा पुलिस में शिकायत पर चिंता जाहिर की है। परीक्षा में गड़बड़ी के बारे में एसटीएफ के पत्र और पुलिस द्वारा प्रकाशक के खिलाफ मुकदमा लिखाने की सलाह की अनदेखी करते हुए कौशिक को ही पेपर छापने का जिम्मा देने से भी अंजू लता फंस गई हैं। एसटीएफ ने इसे गिरोह बनाकर आपराधिक साजिश करते हुए पेपर आउट कर भारी लाभ कमाने और लोक हित के खिलाफ अपराध करार देते हुए चोलापुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में मुकदमा लिखाया है।


भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर आउट मामले में वाराणसी से गिरफ्तार कोलकाता के प्रिटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार ने पूछताछ में कई राज उगले थे। उसने बताया कि गिरोह ने 20-20 लाख रुपये में अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने का सौदा किया था। एसटीएफ का दावा है कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक (सचिव) अंजू लता कटियार की गिरोह से मिलीभगत है। उन्हें गिरोह का सरगना मोटी रकम देता रहा है। इस मामले में अंजू कटियार के खिलाफ चोलापुर थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखा गया है।


यूं बेनकाब हुआ इस गिरोह का खेल


सीआइडी बंगाल के डीआइजी ने बीते वर्ष 29 जुलाई को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के बाबत उत्तर प्रदेश एसटीएफ के आइजी को पत्र भेजा था। गिरोह में शामिल कोलकाता के अशोक देव चौधरी ने भी डीजीपी को पत्र के जरिए पूरे मामले की जानकारी दी थी। इस मामले की जांच के दौरान एसटीएफ वाराणसी यूनिट को अशोक देव ने बताया कि गिरोह का सरगना कोलकाता स्थित सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस का मालिक कौशिक कुमार है। पेपर उसके प्रेस में ही छपते हैं। उसने ही पिछले साल एलटी ग्रेड परीक्षा के पेपर आउट कर 20-20 लाख रुपये में सौदा तय किया था।


चुपके से बनाया वीडियो


परीक्षा से एक दिन पहले 28 जुलाई को 50 अभ्यर्थियों को वाराणसी में यूपी कॉलेज के पास बुलाकर उन्हें 10 किलोमीटर दूर कौशल विकास केंद्र ले गया था। कौशिक ने अशोक को पेपर देकर वाराणसी भेजा था। अभ्यर्थियों को हिंदी और सामाजिक विज्ञान के सॉल्व पेपर देकर दो घंटे में याद करने के लिए कहा गया। फिर पेपर जला दिए गए। अशोक ने पेपर जलाते समय मोबाइल से चुपके से वीडियो बनाया और फोटो भी खींची थी। परीक्षा से पहले इन 50 अभ्यर्थियों में प्रत्येक से पांच लाख रुपये तक एडवांस लिए थे।


कोर्ट से सर्च वारंट जारी


परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के आवास और कार्यालय की तलाशी के लिए सर्च वारंट जारी कर दिया गया है। भ्रष्टाचार की अदालत के विशेष न्यायाधीश की ओर से एलटी ग्रेड की परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में यह वारंट जारी किया गया है। इस मामले में दर्ज मुकदमे में आरोपी कौशिक कुमार ने सचिव को 10 लाख रुपये देने की बात स्वीकारी थी। इसी की बरामदगी के लिए सर्च वारंट जारी करने का अनुरोध आवेदन में किया गया था।


सैंपल पेपर के साथ गिरफ्तार हुआ था आरोपी


26 मई को लोक सेवा आयोग का पेपर छापने वाले प्रिटिंग प्रेस के मालिक आरोपी कौशिक कुमार को इलाहाबाद स्थित लोकसेवा आयोग ऑफिस के पास से एसटीएफ ने सैम्पल पेपर के साथ गिरफ्तार किया था। 2018 में हुई एलटी ग्रेड की परीक्षा में आरोपी ने परीक्षा के एक दिन पहले सहयोगी आरोपियों के जरिए प्रति छात्र ढाई से 5 लाख लेकर 50 छात्रों को हल पेपर मुहैया कराया गया। 26 मई को आरोपी लोक सेवा आयोग की सचिव से मिलने गया। तब पीसीएस मेंस का सील पेपर छापने को दिया गया था। इसी दौरान पेपर लीक के बदले उनको 10 लाख दिए जाने का आरोप है।