श्रावस्ती: पूर्वी उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में 10 वर्षों से कार्य कर रहे फर्जी शिक्षक को शुक्रवार को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आपको बता दें कि, अध्यापक फर्जी अभिलेखों के आधार पर 10 सालों से एक स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर रहा था, जिस पर शिक्षा विभाग की कई महीनों से निगाह थी. शिक्षा विभाग ने फर्जी अध्यापक के दस्तावेजों को खंगालते हुए अभिलेखों को फर्जी पाया. वहीं, एसटीएफ को इस बात की खबर लगते ही एसटीएफ की टीम ने मीटिंग के दौरान फर्जी अध्यापक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.


फर्जी पाये गये दस्तावेज


श्रावस्ती, जनपद में फर्जी अध्यापकों का मिलना बंद नहीं हो रहा है. इस सिलसिले में जनपद में 10 सालों से काम कर रहे एक प्रधानाध्यापक के दस्तावेज फर्जी पाये गये. वहीं, जब एसटीएफ इस मामले को लेकर कई महीनों से इसकी जांच पड़ताल कर रही थी, टीम को पता चला कि, सिरसिया क्षेत्र के परसोंहना प्राथमिक विद्यालय में 10 सालों से प्रधानाचार्य के पद पर तैनात सुनील कुमार फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी कर रहा है, जिसको लेकर एसटीएफ की टीम ने सुनील कुमार को एक शिक्षा विभाग की मासिक मीटिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया.


रिकवरी में जुटा शिक्षा विभाग


वहीं, शिक्षा विभाग सुनील कुमार से विभाग द्वारा दिए गए वेतन की रिकवरी की तैयारी में जुट गया है. इस फर्जी अध्यापक की गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.


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