लखनऊ। हाथरस के बहाने प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साज़िश की जांच भी अब एसटीएफ की स्पेशल यूनिट करेगी. हाथरस के चंदपा थाने में गंभीर धाराओं में दर्ज मामला अब एसटीएफ की स्पेशल यूनिट के हवाले कर दिया गया है.


गौरतलब है कि अब तक की जांच में योगी सरकार को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों और फंडिंग के पुख्ता प्रमाण मिले हैं. अब इस घटना के बहाने रची जा रही साजिशों के पर्दाफाश के लिए एसटीएफ की स्पेशल यूनिट गठित की गई है. पाकिस्तान, यूएई और बांग्लादेश समेत तमाम इस्लामिक देशों से योगी सरकार को बदनाम करने के लिए की गई फंडिंग और साजिशों की बात सामने आई है.


फंडिंग के प्रमाण
तमाम फर्जी सूचनाएं, एडिडेट तस्वीरों और अफवाहें फैलाने के साथ ही पीड़ित परिपार को भड़का कर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने की बड़ी कोशिश की जा रही थी. बता दें कि ईडी पहले ही इस मामले में पीएफआई के गिरफ्तार सदस्यों से पूछताछ कर रही है. पीएफआई को पश्चिम के एक खनन माफिया से फंडिंग के प्रमाण मिले हैं.


ये है मामला
गौरतलब है कि 14 सितंबर को दलित समाज की युवती मां के साथ खेतों में चारा काटने गई हुई थी. आरोप है कि इसी दौरान गांव के उच्च जाति के चार युवकों ने उसे खेत से उठा कर उसके साथ गैंगरेप किया. गैंगरेप के बाद युवती को जान से मारने की कोशिश की गई. इसके लिए उसका गला घोंटा गया. गंभीर हालत में युवती को कई दिन बाद दिल्ली लाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.


एसआईटी कर रही है जांच
इस मामले में पुलिस पर पहले से पक्षपात के आरोप लग रहे हैं. जिसके चलते परिवार ने निष्पक्ष जांच की मांग की. परिवार की मांग को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के लिए विशेष दल का गठन किया. फिलहाल, इस जांच दल को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.


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